संयुक्त राष्ट्र संघ की द स्टेट ऑव द वर्ल्डस् इंडीजीनस पीपल्स नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि मूलवंशी और आदिम जनजातियां पूरे विश्व में अपनी संपदा-संसाधन और जमीन से वंचित और विस्थापित होकर विलुप्त होने के कगार पर हैं। रिपोर्ट में भारत के एक सूबे झारखंड में चल रहे खनन कार्य के कारण विस्थापित हुए संथाल जनजाति के हजारो परिवारों का हवाला देते हुए कहा गया है कि उन्हें समुचित मुआवजा तक हासिल नहीं हो...
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गूंगी हो रही हैं 90 फीसदी बोलियां
न्यूयॉर्क। दुनिया भर में 7,000 बोलियां हैं, जो मौखिक ही हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगले 100 वर्षो में इनके विलुप्त होने का खतरा है। संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार दुनिया के मूल निवासियों की भाषा पर रिपोर्ट दी है। इसमें कहा गया है, ‘दुनिया भर में करीबन 6,000 से 7,000 बोलियां ऐसी हैं, जिनका मौखिक स्वरूप ही है, लिखित नहीं। इनके बोलने वाले मूल निवासी हैं। इनमें से अगर सबके नहीं, तो...
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