रूरल वॉयस, 24 अप्रैल डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और यूरिया की कीमतों में लगातार गिरावट का रुख जारी है। वैश्विक बाजार में डीएपी की कीमत गिरकर 553 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गई है, जो फरवरी में 640 डॉलर प्रति टन थी। नई कीमत पर सऊदी अरब की एक कंपनी के साथ हाल ही में निजी क्षेत्र की एक भारतीय कंपनी का सौदा हुआ है। वहीं यूरिया की कीमत 315 से...
More »SEARCH RESULT
बेरोजगारी दूर करने का दमखम है कृषि में
दैनिक ट्रिब्यून, 03 अप्रैल कोरोना महामारी के दौरान जिस तरह देश ने प्रवासी मजदूरों का घर-वापसी पलायन देखा, उसके बाद आई आवधिक श्रमिक बल सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि खेत मजदूरों की संख्या में 3 फीसदी का इजाफा हुआ है, यह गिनती वर्ष 2018-19 में 42.5 प्रतिशत से बढ़कर 2021-22 में 45.5 फीसदी हो गई। जिस कृषि क्षेत्र को इन तमाम सालों में जान-बूझकर दीन-हीन बनाकर रखा गया है, वह...
More »दुनिया भर में खाद्य संकट से निपटने तथा बढ़ती कीमतों पर इस तरह लगाई जा सकती है लगाम: अध्ययन
डाउन टू अर्थ, 23 नवम्बर वैश्विक खाद्य प्रणाली ने हाल के वर्षों में कई अभूतपूर्व खतरों और आपूर्ति की रुकावटों का सामना किया है, जिसमें कोविड-19, टिड्डियों का आक्रमण और चरम मौसम की घटनाएं शामिल हैं। कोविड-19 से पहले ही खाद्य प्रणाली दबाव में है और खाद्य असुरक्षा बढ़ रही है, रूस-यूक्रेन युद्ध ने एक और झटका दिया, जिसके कारण खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छूने लगी। अब शोधकर्ताओं के खाद्य संकट...
More »भारत ने टूटे चावल के निर्यात पर क्यों किया बैन, क्या अन्य किस्मों पर भी लग सकता है प्रतिबंध
दिप्रिंट, 13 सितम्बर 8 सितंबर को दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक देश भारत ने खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए निर्यात प्रतिबंधों की घोषणा की. इस कदम का अनुमान पहले से लगाया जा रहा था क्योंकि कम बारिश के कारण कम और देरी से बुवाई से उत्पादन प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है. इस साल तेज गर्मी गेहूं की उपज में कमी का कारण बनी, जिस वजह...
More »2015 के बाद से शाकाहारी भारतीय थाली की कीमत में 42% का इजाफा, वह भी दही, चाय और फलों को शामिल किये बिना
दिप्रिंट ,18 अगस्त मुद्रास्फीति, विशेष रूप से खाद्य मुद्रास्फीति, न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर चर्चाओं के केंद्र में रही है. भारत में जून 2022 के मुद्रास्फीति के आंकड़ों में थोड़ी नरमी आने के बावजूद, खाद्य मुद्रास्फीति की दर इस वर्ष की शुरुआत से ही 6 से 8 प्रतिशत के असहज दायरे में बनी हुई है. अब सवाल यह है कि यह उच्च खाद्य मुद्रास्फीति (खाने-पीने की चीजों की...
More »