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पानीपत की सूत मिलों को बड़ा झटका, इंडस्ट्री के कारोबार में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट

गाँव सवेरा, 28 जून देश और दुनिया में पहचान रखने वाली पानीपत की रिसाइकल्ड इंडस्ट्री संकट का सामना कर रही है। शहर की छोटी-बड़ी रिसाइकल्ड यार्न इंडस्ट्री बेकार कपड़ों को रिसाइकल कर सूत से धागे बनाती है, जिनका इस्तेमाल कई दूसरे सामान बनाने के लिए भी किया जाता है, जिसमें कालीन, कंबल, शॉल, पर्दे, बाथ मैट, फुट मैट और बेडशीट आदि शामिल हैं।  पिछले करीब दो महीनों से पानीपत में रिसाइकल्ड यार्न...

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सालाना 50 फीसदी की दर से नष्ट हो रहे हैं पहाड़ी जंगल, खतरे में जैव विविधता: अध्ययन

डाउन टू अर्थ, 28 मार्च  दुनिया के 85 फीसदी से अधिक पक्षी, स्तनपायी और उभयचर प्रजातियां पहाड़ी जंगलों में रहते हैं, लेकिन ये जंगल तेजी से गायब हो रहे हैं। अध्ययन के मुताबिक दुनिया भर में, 2000 के बाद से 7.81 करोड़ हेक्टेयर यानी 7.1 फीसदी पहाड़ी जंगल गायब हो गए है। अधिकांश नुकसान उष्णकटिबंधीय जैव विविधता हॉटस्पॉट में हुआ है, जिससे संकटग्रस्त प्रजातियों पर दबाव बढ़ रहा है। 21वीं सदी की...

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आईपीसीसी संश्लेषण रिपोर्ट के छह प्रमुख संदेश: 1.5 डिग्री सेल्सियस पर अंतिम चेतावनी जारी

डाउन टू अर्थ, 21 मार्च जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) ने आज यानी 20 मार्च 2023 को अपनी नवीनतम संश्लेषण रिपोर्ट (एसवाईआर) जारी कर दी है। यह रिपोर्ट इससे पहले आईपीसीसी द्वारा जलवायु में होते बदलावों पर जारी की गई छह रिपोर्टों के निष्कर्षों का सार प्रस्तुत करती है, जो छठे मूल्यांकन का हिस्सा है। इस कड़ी में पहली रिपोर्ट 2018 में तापमान पर होती डेढ़ डिग्री सेल्सियस की वृद्धि...

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जी-20: कृषि में भारत के लिए प्राथमिकताएं

रूरल वॉयस, 03 जनवरी भारत को जी-20 की अध्यक्षता ऐसे समय मिली जब विश्व मानव इतिहास के सबसे अनिश्चित पलों से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े और शक्तिशाली देशों की अध्यक्षता ग्रहण करने के साथ सरकार की प्राथमिकताएं भी बताईं। उन्होंने कहा कि भारत का एजेंडा भोजन, उर्वरक और चिकित्सा उत्पादों की वैश्विक आपूर्ति का अराजनीतिकरण करके जी-20 देशों के बीच सहयोग और समन्वय को...

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दुनिया भर में खाद्य संकट से निपटने तथा बढ़ती कीमतों पर इस तरह लगाई जा सकती है लगाम: अध्ययन

 डाउन टू अर्थ, 23 नवम्बर वैश्विक खाद्य प्रणाली ने हाल के वर्षों में कई अभूतपूर्व खतरों और आपूर्ति की रुकावटों का सामना किया है, जिसमें कोविड-19, टिड्डियों का आक्रमण और चरम मौसम की घटनाएं शामिल हैं। कोविड-19 से पहले ही खाद्य प्रणाली दबाव में है और खाद्य असुरक्षा बढ़ रही है, रूस-यूक्रेन युद्ध ने एक और झटका दिया, जिसके कारण खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छूने लगी। अब शोधकर्ताओं के खाद्य संकट...

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