मुजफ्फरपुर : आइआइएम, लखनऊ से पढ़ाई और इंफोसिस व जेडएस जैसी नामी कंपनियों में नौकरी, जिसमें हर माह वेतन के रूप में लाखों का पैकेज, लेकिन ये सब छोड़ मधुबनी की बेटी और मुजफ्फरपुर की बहू गरिमा विशाल ने बच्चों को पढ़ा कर समाज को बदलने का रास्ता चुना. उन्होंने डेजाऊ नाम से बच्चों का स्कूल खोला है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों पर विशेष जोर दिया...
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लाखों की नौकरी छोड़ बच्चों का स्कूल खोला
मुजफ्फरपुर : आइआइएम, लखनऊ से पढ़ाई और इंफोसिस व जेडएस जैसी नामी कंपनियों में नौकरी, जिसमें हर माह वेतन के रूप में लाखों का पैकेज, लेकिन ये सब छोड़ मधुबनी की बेटी और मुजफ्फरपुर की बहू गरिमा विशाल ने बच्चों को पढ़ा कर समाज को बदलने का रास्ता चुना. उन्होंने डेजाऊ नाम से बच्चों का स्कूल खोला है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों पर विशेष जोर दिया...
More »15 दिन में स्कूल पहुंचता है शिक्षक, सफाई कर्मी पढ़ाता है बच्चों को
देवभोग। मेरा जब मन हो, तब मैं आऊंगा और जब जाने का मन हो तब जाऊंगा। यह एक शिक्षक के शब्द है, जो उस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के पालक और गांव के लोगों को कहता है। शिक्षक की मनमानी से त्रस्त ग्रामीण जब उसे स्कूल समझाने पहुंचते है, तो शिक्षक ग्रामीणों की बात सुनना तो दूर उल्टा उन्हें ही जवाब दे देता है। कई बार समझाने के बाद...
More »स्कूल में पानी, बच्चे खड़े होकर करते हैं पढ़ाई
कापसी, ब्यूरो। पहली बारिश ने ही शिक्षा विभाग के दावों की पोल खोल दी है। बारिश के पूर्व स्कूलों में साफ-सफाई, भवन मरम्मत सहित अन्य व्यवस्था के निर्देश शासन द्वारा दिए गए थे। जिसके तहत विभाग के अधिकारियों द्वारा कहा जा रहा था कि स्कूलों में नए शिक्षण सत्र की पूरी तैयारी कर ली गई है लेकिन शिक्षा विभाग के दावे पहली बारिश में ही धरी की धरी रह गई।...
More »सीमा के प्रहरी बनना चाहते हैं गुमला के असुर-- दुर्जय पासवान
आमतौर पर जंगल में रहनेवाले आिदम जनजाति के लोग शहरों में जाना पसंद नहीं करते. इसलिए सदियों तक शिक्षा से दूर रहे. शहरी समाज से खुद को अलग-थलग रखा. लेकिन, धीरे-धीरे ये लोग अब मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं. गुमला के िबशुनपुर प्रखंड से 45 किमी दूर पोलपोट पाट गांव में बसनेवाले असुर जाति के युवा देश की सीमा के सुरक्षा प्रहरी बनना चाहते हैं और इसके लिए जी-तोड़ मेहनत...
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