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उत्तराखंड: जोशीमठ संकट के चार महीने बाद किस हाल में हैं प्रभावित लोग

मोंगाबे हिंदी, 22 मई “हमें अपने खेतों और पशुओं की देखभाल के लिए दिन में कई बार अपने राहत शिविर से अपने घर आना पड़ता था और अब तो शिविर में खाना भी नहीं मिल रहा इसलिए अब हम दिनभर अपने घर में ही रहते हैं,” जोशीमठ के वार्ड क्रमांक 07 (सुनील गांव) की रहने वाली सुनैना सकलानी कहती हैं।  उत्तराखंड के चमोली जिले में बसे जोशीमठ शहर में इस साल जनवरी...

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सुपर साइक्लोन मोका ने म्यांमार में मचाई तबाही, बांग्लादेश को बख्शा

कार्बनकॉपी, 15 मई सुपर साइक्लोन ‘मोका’ रविवार को म्यांमार और बांग्लादेश के तटों से टकराया। लैंडफॉल से पहले यह कटैगरी-5 के तूफान जितना तेज हो गया था। बताया जा रहा है कि यह इस साल धरती पर अब तक का सबसे तेज चक्रवात रहा है। हालांकि, तटों से टकराने के कुछ घंटों बाद यह कमजोर होकर डिप्रेशन में बदल गया। चक्रवात के कारण म्यांमार की दक्षिण-पूर्वी तटरेखाओं को व्यापक नुकसान पहुंचा है और निचले...

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म्यांमार के चालीस हज़ार से अधिक शरणार्थी मिज़ोरम के 60 शिविरों में रह रहे हैं

 द वायर, 25 सितम्बर सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के राज्यसभा सदस्य के. वनलालवेना के अनुसार, फरवरी 2021 में पड़ोसी देश म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद से वहां के 40,000 से अधिक शरणार्थियों ने मिजोरम में शरण ली है. उन्होंने कहा कि शरणार्थियों को किसी भी तरह का काम या रोजगार करने की मनाही है, हालांकि राज्य सरकार उन्हें शिविरों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया करा रही है. सांसद वनलालवेना ने द हिंदू...

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गुजरात में लंपी स्किन बीमारी से गायों की मौत, कच्छ में सामने आ रहे हैं समुदाय-संचालित पशु देखभाल शिविर

दिप्रिंट, 07 अगस्त गुजरात के गांधीधाम में स्थित एक अस्थायी पशु देखभाल शिविर के अंदर बजाए जा रहे, हिंदू देवी-देवता सीता और राम को समर्पित भक्ति संगीत के बीच बीच में, दांतों के किटकिटाने की आवाज आ रही थी जो कि शुक्रवार को एक गाय खुले घाव की तकलीफ से तड़प में कर रही थी इससे खून और मवाद रिस रहा था. उसकी जबर्दस्त तकलीफ से लग रहा था कि वो शायद...

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असम: जिस ओर नजर सिर्फ पानी ही पानी, जान माल की भारी क्षति

न्यूज़लॉन्ड्री, 19 जुलाई असम में नेशनल हाईवे 31 के किनारे जिस ओर नजर जाती है, पानी ही पानी दिखता है. यहां कुछ दिन पहले तक धान की लहलहाती फसल दिखती थी. इसी हाईवे पर 43 वर्षीय रहीसुद्दीन अपनी पत्नी और पांच बच्चों के साथ मदद का इंतजार कर रहे हैं. राज्य में नगांव जिले के राहा अनुमंडल के काकोटी गांव निवासी रहीसुद्दीन अपने गांव वापस जाने के लिए किसी नाव की...

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