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‘मैनहोल टू मशीनहोल’ का वित्त मंत्री का दावा शब्दों की कलाबाज़ी भर है: सफाई कर्मचारी आंदोलन

द वायर, 3 फरवरी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को की गई बजट घोषणाओं में मशीन से सीवर सफाई करने की बात कही गई है. उन्होंने कहा था कि सफाई को ‘मैनहोल टू मशीनहोल’ मोड में लाया जाएगा. अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा था कि सीवर में गैस से होने वाली मौतों को रोकने के लिए शहरी स्वच्छता में मशीनों के उपयोग पर ध्यान दिया जाएगा. वित्त...

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सीवर सफाई के दौरान मारे गए 104 लोगों के परिजनों को मुआवज़ा नहीं मिला: संसदीय समिति

द वायर, 20 दिसंबर संसदीय स्थायी समिति ने सीवर या सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान मारे गए 104 लोगों के परिवारों को मुआवजा जारी करने में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा देरी बरते जाने की बात कही है. इस संबंध में सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर संसद की स्थायी समिति ने 16 दिसंबर को लोकसभा में रिपोर्ट पेश की थी. इस समिति की अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद रमा...

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यमुना में गिरने वाले 32 गंदे नालों की सफाई की जाएगी

जनसत्ता, 29 नवम्बर इसके लिए 15 जनवरी तक का समय तय किया गया है। इस योजना के पहले चरण में तिमारपुर से लेकर माल रोड तक का हिस्सा अब तक साफ किया जा चुका है और अगले चरण में साढ़े पांच किलोमीटर का हिस्सा मालरोड से भारत नगर साफ किया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि इस पहल के बाद नदी के जल प्रदूषण में कमी आएगी। इस साफ किए...

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नहर की मरम्मत करवा दो, हम किसान तीन दिन से भूख हड़ताल पर हैं

अमर उजाला, 21 नवम्बर शिवपुरी जिले में अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे किसानों का कहना है कि दो गांव के किसान पिछले तीन दिनों से तहसील कार्यालय के सामने बैठे हैं। नाराज किसान तहसील कार्यालय के सामने तंबू गाड़कर भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। बावजूद इसके जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारी किसानों की अभी तक कोई सुध नहीं लिए। किसानों के अनुसार, अगर खेतों में पानी नहीं पहुंचेगा...

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केवल रोजगार के आंकड़े काफी नहीं, रोजगार में गुणपूर्णता जरूरी!

बेहतर आर्थिक वृद्धि मौजूदा दौर के हर ‘राष्ट्र राज्य’ की पहली प्राथमिकता है। और इस प्राथमिकता को हासिल करने के लिए जरूरी है अर्थव्यवस्था का पहिया तेज गति से घूमे। पहिए की गति उत्पादन (प्रोडक्शन) पर निर्भर करती है। जितना अधिक उत्पादन होगा उतने ही अधिक गति से पहिया दौड़ेगा। उत्पादन मुख्यत दो कारकों पर टिका रहता है–पहला पूंजी और दूसरा मजदूर। लेकिन मशीनें आ जाने के बाद उत्पादन के मामले में...

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