कहते हैं, शब्दों की अपनी दुनिया होती है। कवि और कहानीकार शब्दों के जरिए हमें किसी और दुनिया में ले जाते हैं। फिर कानून रचने वाले क्यों पीछे रहें? नए बाल मजदूरी कानून का प्रयास कुछ ऐसा ही है। यह कानून कहता है कि छह से चौदह वर्ष के बच्चे स्कूल से घर लौट कर किसी ‘पारिवारिक उद्यम' में हाथ बंटाएं तो इसे मजदूरी नहीं माना जाएगा। इस सुघड़ तर्क...
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1.63 लाख नियोजित शिक्षकों का अब अटक जायेगा वेतन
परेशानी. 18 जिलों के डीपीओ के बैंक एकाउंट हुए लॉक पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के 3.23 लाख में से करीब आधे 1.63 लाख नियोजित शिक्षकों को सरकार की ओर से राशि जारी करने के बाद भी वेतन नहीं मिल सकेगा. प्रारंभिक स्कूलों के 1.63 लाख नियोजित शिक्षक वैसे 18 जिलों से हैं जहां तक उनकी सैलरी का उपयोगिता प्रमाण पत्र अब तक नहीं आया है. शिक्षा विभाग ने संबंधित...
More »एक लाख शिक्षकों को अब तक नहीं मिल सका है वेतन
पटना: राज्य के एक लाख नियोजित शिक्षकों को अब तक वेतन नहीं मिल सका है. कहीं शिक्षक अपना वेतन सत्यापन नहीं करा पाये हैं, तो कहीं प्रखंड व जिला स्तर पर ही देरी हो रही है. नियोजित शिक्षकों को वेतन भुगतान तो सभी जिलों में शुरू हो गया है, लेकिन कहीं जुलाई, तो कहीं अगस्त तक का वेतन भुगतान हुआ है. अब तक सभी जिलों में शिक्षकों को सितंबर...
More »विकास की जिम्मेदारी राज्यों की- एम के वेणु
राजग सरकार ने 'सहकारी संघवाद' की अपनी धारणा के तहत, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बेहद प्रिय है, केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय बंटवारे के पैटर्न को बुनियादी तौर पर बदलना चाहा है। उदाहरण के तौर पर, वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश बजट में स्वास्थ्य, बाल विकास, शिक्षा, ग्रामीण पेयजल, आवास जैसे महत्वपूर्ण विकास कार्यक्रमों के मद में दी जाने वाली केंद्रीय सहायता में करीब 75,000 करोड़ रुपये...
More »सीएजी ने पकड़ी 10 हजार करोड़ रुपए की गड़बड़ी
पटना. वित्तीय कुप्रबंधन के कारण राज्य सरकार को दस हजार करोड़ रुपए की चपत लगी है। मंगलवार को पेश अपनी रिपोर्ट में कैग (नियंत्रक-महालेखापरीक्षक) ने कई विभागों की गड़बड़ियां उजागर की है। कैग ने सर्वशिक्षा अभियान, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में भारी गड़बड़ी पकड़ी है। कई विभागों में वित्तीय कुप्रबंधन समाने आया है तो कई विभागों में नियम-कानून में हेरफेर कर सरकार को चूना लगाया...
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