डाउन टू अर्थ, 23 अगस्त देश की सबसे बड़ी खाद निर्माता कंपनी इंडियन फॉर्मर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव (इफको) ने नोवेल नाइट्रोजन फर्टिलाइजर नैनो तरल यूरिया लांच करते हुए यह प्रचार किया था कि यह पूरी तरह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है। हालांकि एक हालिया ओपिनियन पेपर ने इसकी वैज्ञानिक प्रमाणिकता पर सवाल उठाते हुए अपने निष्कर्ष में कहा है नैनो यूरिया में शायद ही कोई विशेषता हो जो वैज्ञानिक रूप से सिद्ध...
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आने वाले संकट की आहट सुनते अरुणाचल के पक्षी
पारी. 7 अगस्त "मैंने अभी-अभी ओरिएंटल शामा की आवाज़ सुनी." मीका राई उत्साहित हैं. वह उसकी पुकार को चहचहाहट की मधुर शृंखला की तरह बताते हैं. हालांकि, उनके उत्साह में इस नन्हे काले, सफ़ेद और पीले पंखों वाले प्राणी को लेकर चिंता झलक रही है. अरुणाचल प्रदेश के ईगलनेस्ट वन्यजीव अभ्यारण्य में पिछले एक दशक से पक्षियों का अध्ययन कर रहे 30 वर्षीय फ़ील्ड स्टाफ़र मीका कहते हैं, "यह पक्षी अमूमन [900 मीटर]...
More »गुजरात ने 2022-23 में प्राकृतिक आपदाओं के बजट में की 71 फीसदी की कटौती
डाउन टू अर्थ, 19 जून हाल ही में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट और डाउन टू अर्थ द्वारा जारी रिपोर्ट “स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट इन फिगर्स 2023” में गुजरात को लेकर चिंताजनक आंकड़े जारी किए गए हैं। इनके मुताबिक गुजरात ने 2022-23 में प्राकृतिक आपदाओं के लिए जारी अपने बजट में 71 फीसदी की कटौती की है। गौरतलब है कि गुजरात पर आज यानी 15 जून, 2023 को अत्यंत गंभीर श्रेणी...
More »विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सीएसई ने जारी की “स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2023 इन फिगर्स” रिपोर्ट
डाउन तू अर्थ, 4 जून “आंकड़ों में बड़ी-बड़ी कहानियां छिपी होती हैं। आंकड़े एक नजर में ही कहानी बता देते हैं और उसे प्रमाणित करते हैं। द स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2023 इन फिगर्स के जरिए हमने उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर भारत के पर्यावरण की कहानी समझाने की कोशिश की है। यह रिपोर्ट बताती है कि पर्यावरण के क्षेत्र में कहां गड़बड़ी है और कहां यह टिकाऊ तरीके से आगे...
More »जलवायु परिवर्तन से जंग की आड़ में वैश्विक व्यापार में असमानता को बढ़ा रहे विकसित देश: सीएसई
डाउन टू अर्थ, 2 मार्च जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई की आड़ में अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसी दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्तियां मुक्त व्यापार का दामन छोड़ रही हैं। बड़े पैमाने पर सब्सिडी और टैरिफ के साथ यह देश संरक्षणवाद की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन क्या जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जारी जंग और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को इससे फायदा होगा। इस बारे में नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर...
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