-द प्रिंट, भाजपा को राजनीति की कितनी समझ है? अगर आप इस तरह का सवाल पूछने की कोशिश भी करेंगे तो लोग आपसे यही कहेंगे कि जाइए पहले अपने दिमाग का इलाज करवाइए. इसमें कोई शक नहीं कि राजनीति की उसकी समझ और किसी और की समझ में उतना ही अंतर है जितना लोकसभा की 303 और 52 सीटों में अंतर है. तब आप शायद सवाल को और बारीकी से उठाएंगे और...
More »SEARCH RESULT
क्या रेप पीड़ित दलित लड़कियां और महिलाएं न्याय के लिए ज्यादा चुनौतियां झेलती हैं? हर दिन 10 दलित महिलाओं के साथ हो रहा रेप
-गांव कनेक्शन, पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींचने वाला हाथरस का केस हो या राजस्थान में अजमेर को बंधक बनाकर 8 घंटे तक महिला के साथ गैंगरेप, दोनों ही पीड़िताएं दलित समुदाय से थीं। दोनों मामलों की जांच जारी है, न्याय और तथ्यों की बातें कोर्ट में होंगी। पर इस पर अभी तक जो टीका-टिप्पणी हुई है वो ये समझने के लिए काफी है कि जब किसी दलित पीड़िता के...
More »मैं बिहार चुनाव को लेकर उत्साहित क्यों नहीं हूं: योगेंद्र यादव
-द प्रिंट, इन पंक्तियों को जब आप पढ़ रहे होंगे तो बिहार विधानसभा के चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान समाप्त हो चला होगा. अब अचरज कहिए कि इस बार बिहार के चुनाव को लेकर अपने मन में मैं पहले जैसी तरंग महसूस नहीं कर पा रहा और, मुझ जैसे चुनाव-आसक्त आदमी के लिए जिसने जिंदगी के तीन दशक चुनावों को पूरे दिल-ओ-जान से पेशेवर और सियासी तौर पर परखने-समझने...
More »हाथरस की निर्भया की कहानी, 14 सितंबर को दरिंदगी के 15 दिन बाद तोड़ा दम
-इंडिया टूडे, हाथरस में चार लोगों की दरिंदगी का शिकार बनी एक और निर्भया ने दम तोड़ दिया. बताया गया कि हैवानियत को इस कदर अंजाम दिया गया था कि उसकी जीभ काट दी गई और कमर की हड्डी तक टूटी हुई थी. हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया है. इस निर्भया के गांव के ही चार दबंगों ने मिलकर लड़की के साथ हवस का घिनौना खेल खेला. लड़की की मौत...
More »किसानों के विरोध में किसी फैसले में एनडीए का भागीदार नहीं बनना चाहते, इसलिए दिया इस्तीफा: हरसिमरत कौर
-आउटलुक, लोकसभा में 14 सिंतबर को पेश किए गए कृषि अध्यादेशों के विरोध में उतरे एनडीए के प्रमुख घटक शिरोमणी अकाली दल(शिअद) ने इन अध्यादेशों को लेकर एनडीए से दूरी बना ली है। एनडीए सरकार में शिअद के कोटे से एक मात्र मंत्री हरसिमरत कौर के इस्तीफे से शिअद ने साफ संकेत देने की कोशिश की है कि पंजाब के किसानों के बीच अपनी सियासत को जिंदा रखना उसके लिए ज्यादा...
More »