SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 23

ग्रामीण भारत में बढ़ता कोरोना : डॉक्टरों की कमी, झोलाछाप पर भरोसा और वैक्सीन के लिए झिझक

-गांव कनेक्शन, भारत की 65 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, जबकि सिर्फ 33 प्रतिशत स्वास्थ्य सुविधाएं ही उन्हें मिल रही हैं। ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा का बुनियादी ढांचा तीन स्तर पर काम करता है, जिसमें एक उप-केंद्र, एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 3,000 से अधिक डॉक्टरों की कमी है, जो पिछले 10 सालों...

More »

गोरखपुर के गांवों में फैली महामारी, घरों में ही मर रहे बड़ी संख्या में लोग

-न्यूजलॉन्ड्री, 43 वर्षीय राजीव नयन सिंह अपने दो बच्चों के साथ बासूडीहा में रहते हैं. तीन दिन पहले उनकी पत्नी वंदना सिंह का निधन हो गया. राजीव और उनकी पत्नी कोविड पॉजिटिव थे. राजीव और उनकी पत्नी का टेस्ट काफी देर से हुआ. इसकी वजह राजीव हमें बताते हैं, “टेस्टिंग केंद्र कौड़ीराम में बना है. उनके गांव में ऐसी कोई सुविधा नहीं है.” राजीव की रिपोर्ट 22 अप्रैल को पॉजिटिव आई थी....

More »

कुपोषण से जूझते राजस्थान में क्यों उम्मीद की किरण है सुपोषण वाटिका?

-गांव कनेक्शन, कुपोषण राजस्थान ही नहीं पूरे देश के लिए गंभीर समस्या है। इस मामले में राजस्थान असम और बिहार के बाद तीसरे नंबर पर है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार प्रदेश में 38.4% बच्चों का वजन औसत से कम है। 23.4 फीसदी बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर, 8.7% बच्चे अति कमजोर और 40.8 फीसदी बच्चे अविकसित हैं। 2011 जनगणना के अनुसार प्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा बच्चे 0-6...

More »

रोक के बावजूद 10 राज्यों के एक करोड़ बच्चों को पिला दी गई संक्रमित पोलियो ड्रॉप

केंद्र की रोक के बाद भी गाजियाबाद की बायोमेड कंपनी से बनी संक्रमित पोलियो वैक्सीन देश के 10 राज्यों के एक करोड़ बच्चों तक पहुंच गई। 10 सितम्बर को केंद्र से मिले निर्देश के बाद भी राज्य सरकारें पूरी तरह से रोक नहीं लगा पाईं। यूपी में यह सीएचसी-पीएचसी व अन्य सेंटरों तक सप्लाई हो गई और बच्चों को ड्रॉप पिलाई जा रही थी। अब पूरे राज्य से इन दवाओं...

More »

पर्याप्त सरकारी मदद के जरिये ही पहुंच सकती हैं सभी तक स्वास्थ्य सेवाएं

भारत के विशाल और विविध भू-भागों में रहने वाली आबादी तक समुचित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना एक बड़ी चुनौती रही है. इसमें बड़ी कमी सरकारों की रही है, जो अपने कुल बजट का महज एक फीसदी तक हिस्सा ही सार्वजनिक स्वास्थ्य मद में खर्च करती रही है. स्वास्थ्य क्षेत्र के समूच परिदृश्य समेत इससे संबंधित अन्य पहलुओं को इंगित कर रहा है आज का वर्षारंभ ... अनंत कुमार एसोसिएट प्रोफेसर,...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close