गंगा, यमुना नदियों के प्रदूषण की चर्चा तो आए दिन होती है लेकिन एक ताजा अध्ययन बताता है कि देश की तमाम नदियां प्रदूषण की चपेट में हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने देश की 40 नदियों की प्रदूषण जांच कर दावा किया है कि सिर्फ दक्षिण भारत की चार एवं असम की एक नदी ही स्वच्छता के मानकों में खरीद उत्तरी हैं। बाकी 35 नदियां बुरी तरह से...
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मॉनसून साथ न दे, तो भी अच्छी खेती करें- डा. प्रवीण कुमार द्विवेदी
झारखंड और बिहार में मॉनसून की आंखमिचौली एक तरह से स्थायी समस्या बन गयी है. इन परिस्थितियों में फसलों की बरबादी और कम उत्पादन की आशंकाएं रहती हैं. इस विषम परिस्थिति से निबटने का सही तरीका कुशल प्रबंधन है. यह प्रबंधन किसानों को करना है. इस बार मौसम पूर्वानुमान में मॉनसून का ज्यादा साथ देने की संभवना कम व्यक्त की गयी है. ऐसे में किसान संयम, समझ और जागरूकता से काम...
More »‘90 फीसदी महिलाएं अपनी गुलामी का जश्न मनाती हैं’
स्त्री मुक्ति और आदिवासी संघर्ष का जिक्र करें तो रमणिका गुप्ता का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. अपने लंबे संघर्षमय जीवन के विभिन्न पड़ावों एवं एक लेखिका-सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में दोहरे जीवन की चुनौतियों के बारे में उनकी पूजा सिंह से बातचीत. आप सक्रिय राजनीति में रहीं. तीन दशक पहले चुनाव भी जीतीं. आज देश के कई बड़े राज्यों में महिला मुख्यमंत्री हैं. केंद्र में भी सबसे प्रभावी...
More »मीडिया के खिलाफ लामबंदी : श्रवण गर्ग
मीडिया को लेकर देश के लगभग सभी राजनीतिक दल इस समय परेशान हैं। अधिकांश विपक्षी दल भी कम से कम इस एक मुद्दे पर तो सरकार के साथ हैं कि मीडिया पर लगाम लगाने की जरूरत है। सत्तारूढ़ सरकारें समय-समय पर मीडिया को कसने के प्रयोग करती रही हैं। आपातकाल के दौरान भी विपक्ष के पैरों में बेड़ियां व मीडिया के हाथों में चूड़ियां पहनाई गई थीं। मीडिया का एक प्रभावशाली वर्ग...
More »पलायन (माइग्रेशन)
खास बात • किसी प्रांत से उसी प्रांत में और किसी एक प्रांत से दूसरे प्रांत में पलायन करने वालों की संख्या पिछले एक दशक में ९ करोड़ ८० लाख तक जा पहुंची है। इसमें ६ करोड़ १० लाख लोगों ने ग्रामीण से ग्रामीण इलाकों में और ३ करोड़ ६० लाख लोगों ने गावों से शहरों की ओर पलायन किया। # • पिछले एक दशक को आधार मानकर अगर इस बात की गणना करें कि किसी वासस्थान को छोड़कर कितने लोग दूसरी जगह रहने...
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