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जोशीमठ: हिमालय ने दरककर ‘विकास’ का भंडाफोड़ कर दिया है

 द वायर, 22 जनवरी ‘विकास’ का यह कौन-सा मॉडल है, जो जोशीमठ ही नहीं, पूरे हिमालय क्षेत्र में दरार पैदा कर रहा है और इंसान के लिए ख़तरा बन रहा है? सरकारी ‘विकास’ की इस चौड़ी होती दरार को अगर अब भी नज़रअंदाज़ किया गया, तो पूरी मानवता ही इसकी भेंट चढ़ सकती है. बीते सप्ताह जोशीमठ में असुरक्षित घोषित किए गए एक होटल को ध्वस्त करते एसडीआरएफ कर्मचारी. (फोटो: पीटीआई) जोशीमठ आजकल...

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जोशीमठ संकटः 46 सालों से बनती आ रही कमेटियां, क्या इस बार नहीं होगी सुझावों की अनदेखी

मोंगाबे हिंदी, 19 जनवरी जैसे ही उत्तराखंड के जोशीमठ से मकानों में दरारों की ख़बरों की शुरुआत हुई, वैसे ही राज्य और केंद्र सरकारें हरकत में आयीं और आनन-फानन में जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव पर एक त्वरित स्टडी के लिए एक पैनल बना दिया। पैनल को चार दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट फाइल करके राज्य सरकार को सौंपने के आदेश दिए गए। ख़बरों के अनुसार पैनल ने अपनी रिपोर्ट में...

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जोशीमठ: सरकार ने संस्थानों के मीडिया से बातचीत पर रोक लगाई; इसरो ने धंसाव संबंधी रिपोर्ट वापस ली

द वायर, 16 जनवरी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने दर्जन भर सरकारी संस्थानों और वैज्ञानिक संगठनों को उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ शहर में भू-धंसाव के संबंध में मीडिया से बातचीत या सोशल मीडिया पर डेटा साझा नहीं करने का निर्देश दिया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, निर्देश में कहा गया है कि उनके द्वारा की गई ‘स्थिति की व्याख्या’ न सिर्फ प्रभावित निवासियों, बल्कि देश के नागरिकों के बीच...

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धंसते जोशीमठ से उठते सवाल, सरकारों ने पहाड़ी राज्य के हिसाब से नहीं बनाया विकास मॉडल

डाउन टू अर्थ, 16 जनवरी जोशीमठ में जो आज हो रहा है उसकी पठकथा तो कई सालों से लिखी जा रही थी, ये प्राकृतिक संसाधनों की लूट का खुला प्ररिणाम है। ये नाजुक परिस्थितिकीतंत्र के ऊपर आर्थिक तंत्र को तबज्जो देने का परिणाम है। हम सब जानते हैं कि हिमालय बहुत नाजुक पर्वतश्रृंखला है और इसका परिस्थितिकीतंत्र अतिसंवेदनशील है। हिमालय सम्पूर्ण दक्षिण एशिया के पर्यावरण, समाज और अर्थव्यवस्था पर सीधा असर...

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जोशीमठ में आपदा से पहले चेतावनियों की अनदेखी

कार्बनकॉपी, 5 जनवरी उत्तराखंड के जोशीमठ में पिछले कुछ दिनों में इमारतों और सडकों में दरारें आईं हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर हटाने का काम जारी है। इसी बीच बुधवार की शाम आक्रोशित लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। जोशीमठ के लोग डरे हुए हैं क्योंकि यह एक अत्यधिक भूकंपीय क्षेत्र है जो सेस्मिक ज़ोन 5 में आता है। सवाल यह उठ रहे हैं कि जोशीमठ जैसे संवेदनशील हिमालयी भूभाग...

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