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सीएए आंदोलन के अखिल गोगोई को क्यों जेल में रखना चाहती है सरकार?

-सत्यहिंदी, 7 अगस्त, 2020 को एनआईए अदालत ने असम के नागरिकता संशोधन अधिनियम(सीएए) विरोधी आंदोलन के नेता और कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के प्रमुख  अखिल गोगोई की ज़मानत याचिका खारिज कर दी।  विशेष एनआईए अदालत ने गोगोई के ख़िलाफ़ एकत्र किए गए सबूतों पर भरोसा किया और कहा कि यह नहीं कहा जा सकता है कि एनआईए के बयान के अनुसार आरोप पूरी तरह से अनुचित हैं। इसके बाद केएमएसएस ने...

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तीसरी दुनिया: भूटान के डेढ़ लाख हिंदू शरणार्थियों की उपेक्षा में छुपा है caa का पाखण्ड

-मीडियाविजिल, तीसरी दुनिया यानी एशिया, अफ्रीका और लातिन अमेरिका के विकासशील देश जिनकी खबरें 1980 के दशक के बाद से ही बड़े सुनियोजित ढंग से हाशिए पर पहुंचती चली गईं। सारा स्पेस विकसित देशों ने ले लिया- बेशक, तीसरी दुनिया के देशों के अंदर ‘पहली दुनिया’ के जो छोटे-छोटे टापू थे उनके बाशिंदों को भी थोड़ी बहुत जगह मिलती रही। आज हम स्पष्ट तौर पर देख रहे हैं कि अमेरिका सहित विकसित...

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सीएए विरोधी आंदोलन की शुरुआत से अब तक दिल्ली एनसीआर में 32 पत्रकारों पर हमला

न्यूजलॉन्ड्री, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पास होने के बाद उसके खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शन, उसके समर्थन में निकाली गई रैलियों और बीते दिनों दिल्ली में हुए दंगे के दौरान 32 ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें पत्रकारों के साथ मारपीट या उन्हें उनके काम करने से रोकने की कोशिश हुई है. यह खुलासा सोमवार को कमेटी अगेन्स्ट एसॉल्ट ऑन जर्नलिस्ट द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट से हुआ है. सीएए विरोधी आंदोलन की...

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अरुधंति रॉय: क्षितिज पर मदद का कोई निशान नज़र नहीं आता

प्यारे दोस्तो, साथियों, लेखको और फ़नकारो! यह जगह जहां हम आज इकठ्ठा हुए है, उस जगह से कुछ ज़्यादा फ़ासले पर नहीं है जहां चार दिन पहले एक फ़ासिस्ट भीड़ ने— जिसमें सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से भाषणों की आग भड़क रही थी, जिसको पुलिस की सक्रिय हिमायत और मदद हासिल थी, जिसे रात-दिन इलेक्ट्रॉनिक मास-मीडिया के बड़े हिस्से का सहयोग प्राप्त था, और जो पूरी तरह आश्वस्त थी कि अदालतें...

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दिल्ली दंगा: ‘शांति तो है लेकिन मुर्दा शांति है’

शुक्रवार दोपहर के 12 बज रहे हैं. खजूरी खास चौराहे के सामने कुछ अर्धसैनिक बल के जवान सुरक्षा में मुस्तैद खड़े हैं. बगल में उस मज़ार के अंदर सफाई हो रही है जिसे पिछले दिनों हुए दंगे में दंगाइयों ने जला दिया था. मज़ार के अंदर चल रही सफाई को टूटे दरवाजे से देखते हुए एक शख्स हमारी तरफ घूमकर कहता है, 'ये तो सबकी मनोकामना पूरी करते थे. इनके...

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