बीते दिनों सीबीएसई के बारहवीं के नतीजे आए. इसमें कुछ आश्चर्यजनक नहीं है कि ‘सफलता' को पूजने वाले इस समाज में हर जगह ‘टॉपर्स' का गुणगान किया जाता है. जब टेलीविजन चैनल उनका इंटरव्यू करते हैं और अखबार उनकी- ‘कड़ी मेहनत', ‘एकाग्र अध्ययन', अभिभावकों की प्रेरक भूमिका- की कहानियां सुनाते हैं, तब हम सीखने के अनुभव और प्रदर्शन को आंकड़ों में बदलकर और मिथकीय बना देते हैं, जैसे- 499/500! हालांकि ‘असफलताओं'...
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मुद्दों से ज्यादा प्रचार पर भरोसा-- संजय कुमार
चुनाव अभियानों का रूप-रंग हाल के वर्षों में काफी बदल चुका है। हालांकि किसी प्रत्याशी को अब अपने प्रचार के लिए निर्वाचन आयोग दो सप्ताह का ही वक्त देता है, जबकि पहले 21 दिन का समय मिलता था, लेकिन व्यावहारिक तौर पर अब चुनाव अभियान अतीत की तुलना में कहीं अधिक व्यापक हो गया है। मौजूदा लोकसभा चुनाव के लिए भी आधिकारिक तौर पर चुनाव अभियान की शुरुआत पहले चरण...
More »सीजेआई यौन उत्पीड़न मामला: जांच से पहले ही मेरे चरित्र पर उंगलियां उठाई जाने लगीं- शिकायतकर्ता
नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली 35 वर्षीय सुप्रीम कोर्ट की कर्मचारी ने बुधवार को इस मामले की जांच के लिए गठित एक आंतरिक समिति के सामने अपनी भय और आशंकाओं को प्रकट किया. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, शिकायतकर्ता ने कहा कि शनिवार को सीजेआई ने जो सुनवाई की, उसमें उनकी शिकायत को अपने खिलाफ एक बड़ी साजिश का हिस्सा बताया, जिससे...
More »सरकारी स्कूल फेल नहीं हुए, इन्हें चलाने वाली सरकारें फेल हुई हैं- जावेद अनीस
शिक्षा का अधिकार क़ानून (आरटीई) लागू हुए 9 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन आज की स्थिति में 90 फीसदी से अधिक स्कूल आरटीई के मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं. इस दौरान सरकारी स्कूलों की स्थिति और छवि दोनों ख़राब होती गई है. इसके बरक्स निजी संस्थान लगातार फले-फूले हैं. इससे पता चलता है कि क़ानून होने के बावजूद भी सरकारें इसकी ज़िम्मेदारी उठा पाने में नकारा साबित हुई हैं....
More »आज के समय में जाति के विरोध में कोई भी आंदोलन होता नहीं दिखता: आनंद तेलतुम्बड़े
नई दिल्ली: जाने-माने शिक्षाविद, लेखक और भीमा कोरेगांव प्रकरण में आरोपी प्रो. आनंद तेलतुम्बड़े ने आंबेडकर जयंती के मौके पर नई दिल्ली में एक सार्वजनिक सभा को संभोधित किया. इस मौके पर आनंद तेलतुम्बड़े ने कहा, ‘आंबेडकर को हर कोई अपने अपने ढंग से समझता है. आज के समय में हर राजनीतिक दल उन्हें अपना बताने की कोशिश में हैं लेकिन आंबेडकर के विचारों पर कोई नहीं चलना चाहता.' मालूम हो कि...
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