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राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के चलते चुनाव सुधार लंबित: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त

नई दिल्ली: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा है कि भारतीय लोकतंत्र के विषय में जश्न मनाने के लिए काफी कुछ है लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी या स्पष्ट निष्क्रियता के चलते कई चुनावी सुधार लंबित हैं. कुरैशी ने कहा, ‘हमारी प्रणाली में कुछ त्रुटियों के प्रति सावधान रहना भी आवश्यक है, जिसमें लोकतांत्रिक व्यवस्था में सुधार की काफी गुंजाइश रहती है.' कुरैशी ने चुनावी लोकतंत्र में भारत के विशिष्ट...

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खुद की अदालत में मीडिया-- मृणाल पांडे

हमारे साहित्य या मीडिया में खुद अपने भीतरी जीवन की सच्चाई जिक्री तौर से ज्यादा, फिक्री तौर से कम आती है. मसलन दर्शक-पाठक भली तरह जान चुके हैं कि मीडिया के भीतर कैसी मानवीय व्यवस्थाएं हैं, खबरें कैसे जमा या ब्रेक होती हैं. पत्रकारों के बीच एक्सक्लूसिव खबर देने के लिए कैसी तगड़ी स्पर्धा होती है. लेकिन, पिछले दो दशकों में उपन्यासों, कहानियों या मीडिया पर लिखे जानेवाले काॅलमों में...

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इन दिनों सरकार के ख़िलाफ़ महज़ विचार रखना भी राजद्रोह क़रार दिया जा सकता है: अरुणा रॉय

जयपुर: आरटीआई कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने जयपुर साहित्य उत्सव के दूसरे दिन ‘जानने का अधिकार' सत्र में चेतावनी दी कि देश में बहस और असहमति का दायरा सिकुड़ता जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार के ख़िलाफ़ महज कोई विचार रखना भी इन दिनों राजद्रोह क़रार दिया जा सकता है. जयपुर के डिग्गी पैलेस में चल रहे आयोजन के दौरान भारतीय प्रशासनिक सेवा की पूर्व अधिकारी अरुणा ने कहा, ‘जब आप...

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राजस्थान: समायोजन के नाम पर प्राथमिक स्कूल बंद, दो साल से बिना शिक्षा घर बैठे हैं बच्चे

जयपुर: सरकारें चुनकर आती हैं ताकि देश की अवाम को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार और एक बेहतरीन मुस्तकबिल दे सकें, लेकिन राजस्थान में बाड़मेर जिले के दूधियाकलां गांव में अल्पसंख्यक समुदाय के तकरीबन 45 बच्चे अपनी ही सरकार से छले गए हैं. राजस्थान में पिछली वसुंधरा राजे सरकार में इस गांव के प्राथमिक स्कूल को कम नामांकन और समायोजन का हवाला देकर बंद कर दिया गया. इन बच्चों की किताबें 2016...

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जन-बुद्धिजीवी की चीख और अपील-- रविभूषण

किसी भी समाज में जन-सार्वजनिक बुद्धिजीवी की विशेष भूमिका होती है. ऐसे बुद्धिजीवी जनता की आवाज होते हैं, उन्हें दिशा-दृष्टि देते हैं. पिछले कुछ समय से भारतीय बुद्धिजीवियों पर राज्य द्वारा अनेक आरोप मढ़े जा रहे हैं. लेखक, स्तंभकार, शिक्षाविद्, राजनीतिक विश्लेषक, नागरिक अधिकार सक्रियतावादी, प्रसिद्ध-प्रतिष्ठित, महत्वपूर्ण दलित चिंतक आनंद तेलतुंबड़े को भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी बनाया गया है और उनके नौ सह-आरोपी अभी जेल में हैं, जिनकी भारतीय बौद्धिक...

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