-आउटलुक, भारत सरकार द्वारा लाये गए तीन नए कृषि अध्यादेशों के अवलोकन के लिए उजमा बैठक ने किसान चैंबर ऑफ कॉमर्स के सहयोग से ऑनलाइन कांफ्रेंस की। इस दौरान देश-विदेश के कृषि एक्सपर्ट्स, अर्थशास्त्री, साइंटिफिक और कानून एक्सपर्ट्स, कृषि समाज के कार्यकर्ता और खाप प्रतिनिधियों ने 15 प्रस्ताव पास किए। प्रस्ताव में कहा गया कि मंडी हो या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, फसल का एम.एस.पी. हर सूरत में सुनिश्चित रखा जाए। किसी भी उपज...
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भारी बारिश बन रही है किसानों के लिए नुकसान का सबब
-डाउन टू अर्थ, बारिश न हो तो किसान को नुकसान होता है और बारिश बहुत ज्यादा हो तो किसान को नुकसान होता है। कुछ ऐसा 2019 में हुआ। 2019 में मॉनसून के बाद अच्छी बारिश हुई थी, इसलिए किसान उम्मीद कर रहे थे कि बंपर पैदावार होगी। लेकिन मार्च से अप्रैल के बीच देशभर में 354 भारी बारिश की घटनाएं हो गईं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, यह बारिश 64.5...
More »दूसरी ‘महामारी’
-इंडिया टूडे, बीमारी तो चली जाएगी लेकिन ‘महामारी’! करीब 80 बसंत देख चुके बाबा ने गांव लौटते मजदूरों को देखकर कपाल पर हाथ मारा तो लोग पूछ बैठे कौन-सी महामारी! बाबा बुदबुदाए, नहिं दरिद्र सम दुख... अनुभव-पके बाबा ने जो लॉकडाउन के दौरान देखा था वही अब आंकड़ों में उभर रहा है. वर्षों बाद भारत में प्रति व्यक्ति आय में कमी (5.7 फीसद) हुई है जो जीडीपी में गिरावट (3.8 फीसद) से...
More »11 राज्यों में रजिस्ट्रेशन कराए 11.5 लाख से अधिक किसानों से दाल-तिलहन की ख़रीदी नहीं हुई
-द वायर, कोविड-19 महामारी के दौरान जहां संकट से उबरने में मदद करने के लिए सरकारी खरीद की महत्ता पर जोर दिया जा रहा था, वहीं देश के 11 राज्यों में दालें एवं तिलहन की खरीदी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले 11.50 लाख से ज्यादा किसानों से खरीदी नहीं की गई है. केंद्र सरकार ने इस बार रबी-2020 सीजन में 20 राज्यों से दालें एवं तिलहन खरीदने की योजना बनाई थी, लेकिन...
More »किसानों से ज्यादा निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाले मोदी सरकार के हालिया कृषि अध्यादेश
-कारवां, उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के टोला गांव के रामसेवक चार बीघे के किसान हैं. हाल ही में नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर किए गए खेती से संबंधित पुराने कानून में संशोधन और दो नए कानूनों का जिक्र करते हुए वह कहते हैं, "हम कानून-आनून नईं जानत, जो कछू जानत हैं, वो इत्तो कि हमाये खेत, हमाई मेहनत, हम का बोएं, का पैदा करें, कोऊ दूसरो कैसे बता सकत!" ठेका...
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