थोक मुद्रास्फीति में तीन महीने का गिरने का सिलसिला दिसंबर 2016 में टूट गया और यह बढ़कर 3.39 प्रतिशत हो गई। इसमें बढ़ोतरी की खास वजह विनिर्माण सामानों के दाम बढ़ना है जबकि खाद्यों की कीमत कम हुई। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति नवंबर के 3.15 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर 3.39 प्रतिशत रही है। दिसंबर 2015 में यह शून्य से 1.06 प्रतिशत नीचे थी। दिसंबर में सब्जियों के थोक दाम...
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गलती बैंकरों की नहीं, सिस्टम की है-- आर सुकुमार
भारतीय बैंकर इन दिनों खुश नहीं हैं। खासतौर पर वे, जो इस उद्योग में दबदबा रखने वाले राष्ट्रीयकृत बैंकों में काम करते हैं। बीते आठ नवंबर के बाद से, जब से प्रधानमंत्री ने पुराने बड़े नोटों को चलन से बाहर करके उसकी जगह नए नोट लाने की घोषणा की है, बैंकरों पर काम का बोझ बढ़ गया है। कभी-कभी तो उन्होंने सप्ताहांत में भी काम किया। उनका पाला न सिर्फ...
More »खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में 3.63 प्रतिशत, कई साल का न्यूनतम स्तर
नयी दिल्ली: खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में कई साल के निचले स्तर 3.63 प्रतिशत पर आ गई है. खाद्य वस्तुओं की मांग में गिरावट से खुदरा मुद्रास्फीति नीचे आई है. नोटबंदी की वजह से पैदा हुए नकदी संकट से उपभोक्ता मांग कमजोर पडी है. यह खुदरा मुद्रास्फीति का जनवरी, 2014 के बाद का निचला स्तर है. अगस्त, 2015 में यह 3.66 प्रतिशत पर थीं सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के...
More »नोटबंदी : महाराष्ट्र के खुदरा विक्रेताओं ने की लेवी करों में राहत की मांग
महाराष्ट्र, आईएएनएस। नोटबंदी के बाद व्यापार क्षेत्र में आई गिरावट से चिंतित महाराष्ट्र के खुदरा विक्रेताओं ने लेवी करो में राहत की मांग की है। रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन (FRTWA) के प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष वीरेन शाह के नेतृत्व में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और उन्हें 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगने के बाद मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि नकदी की कमी...
More »नोटबंदी के साइड इफेक्टस् : सबसे ज्यादा चोट किसपर ?
विमुद्रीकरण से मची अफरा-तफरी के बीच क्या देश इस हालत में है कि रोजमर्रा की चीजों की खरीद के लिए सरकारी घोषणाओं के मुताबिक बैंकों और एटीएम से नगदी जुटा सके ? सरकारी घोषणाओं में देशवासियों से कहा गया है कि वे नगदी की तात्कालिक कमी से होने वाली असुविधा के लिए क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, मोबाइल और इलेक्ट्रानिक वैलेट का इस्तेमाल करें. लेकिन क्या देश कैशलेस इकॉनॉमी की तरफ कदम...
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