-डाउन टू अर्थ, हिमाचल प्रदेश में जंगलों को बढ़ाने के लिए दशकों से चलाए जा रहे वृक्षारोपण कार्यक्रमों से न तो वहां के जंगलों में कोई खास इजाफा हुआ है, न ही इनका फायदा वहां रहने वाले आम लोगों तक पहुंचा है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इन महंगे वृक्षारोपण में कहां चूक रह गई है। इस पर 13 सितम्बर 2021 को अंतराष्ट्रीय जर्नल नेचर सस्टेनेबिलिटी में...
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अरावली में बगावत: कैसे भील आदिवासी राजनीति का व्याकरण बदल रहे हैं
-कारवां, 2 सितंबर 2021 को उदयपुर के एसपी कार्यालय से एक खत जिले के सभी सर्किल ऑफिसरों के नाम जारी हुआ. इस खत में 1 सितंबर 2021 के रोज राजस्थान पुलिस के इंटेलिजेंस विभाग के महानिदेशक खत का हवाला देते हुए दक्षिण राजस्थान में सक्रिय राजनीतिक दल भारतीय ट्राइबल पार्टी और अन्य आदिवासी संगठनों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए थे. दरअसल पिछले साल 7 सितंबर को आदिवासी युवाओं ने शिक्षक भर्ती परीक्षा...
More »झारखंड: यहां राशन के लिए 30 किलोमीटर चलना पड़ता है पैदल: ग्राउंड रिपोर्ट
-बीबीसी, दो महीने का बच्चा कमर से बँधा हुआ है. मां के हाथ में खाली झोला है. सफ़र लंबा है और कहीं-कहीं बारिश हो रही है. बारिश से बेफिक्र नंगे पैर शनि हंसदा चली जा रही हैं. साथ में कुछ और औरतें भी हैं. विकलांग और बुज़ुर्ग भी. इस सफ़र में कई 'मुसाफ़िर' हैं. 30 किलोमीटर भी नंगे पैर पैदल चलने पर इन परिवारों को हर वयस्क सदस्य के हिसाब से राशन...
More »भारत के इन करोड़ों लोगों के लिए 31 अगस्त है आजादी का दिन!
-गांव सवेरा, देश 15 अगस्त को आजादी का जश्न मना चुका है वहीं देश की करीबन 15 करोड़ की आबादी आज दूसरा आजादी दिवस मना रही है. भारत की आजादी की तारीख 15 अगस्त आपके लिए उत्साहवर्धक हो सकती है लेकिन हमारे बीच कुछ ऐसी जनजातियां भी हैं जिनके लिये 31 अगस्त असली आजादी का दिन है, क्योंकि जब पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा हुआ था तो ये लोग...
More »जलवायु परिवर्तन: संकट को नकारने की गुंजाइश खत्म
-डाउन टू अर्थ, अब किसी “शायद” की गुंजाइश नहीं बची है। जलवायु परिवर्तन का खतरा वास्तविक है और इसके खतरे आसन्न तो हैं ही, भविष्य भी भयावह है। इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की रिपोर्ट का यह संदेश हमारे आसपास हो रहे बदलावों की पुष्टि करता है। अत्यधिक गर्मी के कारण जंगल की आग से लेकर अत्यधिक बारिश की घटनाओं के कारण आती विनाशकारी बाढ़ और समुद्र एवं भूमि की...
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