मनासा। जिम्मेदारी की सुस्ती के चलते चुस्त खनन माफियाओं के हौसले दिनोंदिन बुलंद होते जा रहे हैं। नदियों और पहाड़ियों की खुदाई करने के बाद अब गांधीसागर का डूब क्षेत्र खनन माफियाओं के निशाने पर है। डूब क्षेत्र के रामपुरा, चचौर, देवरान, कुंडला और आंत्री में जैसे-जैसे जलस्तर कम होता जा रहा है, खाली होने वाली जमीन पर खुदाई कर खनन माफिया रातोंरात रेत निकाल कर रहे हैं। ताज्जुब इस...
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अंटार्कटिका की पिघलती बर्फ के हैं अहम संदेश- डा एन के सिंह
दुनिया की सरकारों द्वारा पिघलते बर्फ की दास्तान जो भले ही मानवता के ‘सरवाइवल’ से जुड़ी है, नकार दी गयी है. शायद इसीलिए विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून 2014) का जो थीम है, वह आम नागरिकों को आगाह करने पर केंद्रित है. ‘रेज योर वॉइस, नॉट द सी-लेवल’ यानी हम आवाज उठायें, हम अपना आचरण बदलें, ताकि ग्लोबल वार्मिग कम हो और समुद्र का जलस्तर का बढ़ना बंद हो. मई 2014...
More »साक्षात्कार:पर्यावरण को लेकर सरकार व समाज हो जागरूक
जंगल, जमीन हवा आदि प्रदूषित होते जा रहे हैं. धरती से लेकर आकाश तक कचरों को ढेर लगता जा रहा है. इसे लेकर दुनिया भर में चिंता व्यक्त की जा रही है. यह परिस्थिति कितनी गंभीर है और इससे कैसे निबटा जा सकता है, इन विषयों पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पर्यावरणविद डॉ अरविंद कुमार से संदीप कुमार ने बातचीत की. डॉ कुमार मगध विश्वविद्यालय, बोध गया व विनोवा भावे विश्वविद्यालय...
More »भूस्खलन की आशंका बढ़ी
सिलीगुड़ी: मंगलवार की रात से ही हो रही लगातार बारिश से उत्तर बंगाल ही नहीं, बल्कि पहाड़ व सिक्किम पर भी खतरा बढ़ गया है. पहाड़ के कई स्थानों पर भूस्खलन की आशंका बढ़ गयी है. प्रशासन ने किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. पहाड़ों पर भी लगातार हो रही बारिश के कारण देशी-विदेशी सैलानी होटलों में ही दुबके हैं. दूसरी ओर लगातार बारिश से नदियों...
More »कहानी कुछ जैविक ग्रामों की- अमृतांज इंदीवर
अंधाधुंध पेस्टीसाइड्स व फर्टिलाइजर के उपयोग से मिट्टी, पानी व हवा ऊसर होते जा रही है। जहां किसान पहले खेतों में नाइट्रोजन की मात्रा 3-5 किलो प्रति कट्ठा के हिसाब से देते थे, वहीं आज 10-20 किलो प्रति कट्ठा के हिसाब से दिया जा रहा है। इसकी वजह से धरती पर ग्रीन हाउस बन रहा है और ग्लोबल वार्मिंग के खतरे बढ़ रहे हैं। यह परिस्थितिकीय चक्र को प्रभावित कर रहा है। परिणामस्वरूप खेत बंजर हो रहे हैं,...
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