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खेती फायदेमंद तभी किसान खुशहाल-- मोंटेक सिंह अहलूवालिया

खेती-किसानी की बदहाली की खबरें इधर काफी सुर्खियों में रही हैं। अटकलें लगाई जा रही थीं कि अंतरिम बजट में आय हस्तांतरण से जुड़ी कुछ योजनाएं घोषित की जाएंगी। ऐसा हुआ भी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत सरकार ने किसानों को सालाना आय देने की घोषणा की है। मगर कृषि संकट से पार पाने के लिए हमारे राजनीतिक दलों को छह बातों पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत...

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राजनीतिक एजेंडे में पर्यावरण क्यों नहीं-- नवरोज के दुबाश

भारत में पर्यावरण की हालत काफी भयावह है। इससे जुड़े आंकडे़ परेशान करने वाले हैं। मसलन, देश की हर पांच में से तीन नदियां प्रदूषित हैं। ज्यादातर ठोस कचरों का निस्तारण नहीं किया जाता; यहां तक कि देश के समृद्ध हिस्सों में भी नहीं। मुंबई में 90 फीसदी, तो दिल्ली में 48 फीसदी कचरों का निस्तारण नहीं हो पाता। फिर, देश की तीन-चौथाई आबादी उन हिस्सों में बसती है, जहां...

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जजों की नियुक्ति का जटिल सवाल - प्रो. मक्खनलाल

हाल में सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की नियुक्ति के बाद कोलेजियम व्यवस्था एक बार फिर सवालों से दो-चार है। इस व्यवस्था पर विचार करने से पहले यह जानना जरूरी है कि आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी ने ऐसा क्या कुछ किया कि मौका मिलने पर न्यायाधीशों ने अदालती निर्णयों के माध्यम से सरकार से काफी कुछ न केवल छीन लिया, बल्कि जजों की नियुक्ति के मामले में शासन और...

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कैसे कम हो घाटी में बढ़ती कट्टरता- विक्रम सिंह

बीते कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर ने धार्मिक कट्टरता और हिंसक उग्रवाद में काफी वृद्धि देखी है। आतंकी जमातों की स्थानीय भर्ती में तेजी आई है। खासतौर से कश्मीर घाटी में नौजवान आज सैन्य अभियानों को बाधित करने और राज्य-प्रशासन को चुनौती देने के लिए पहले से कहीं ज्यादा सक्रिय दिखाई देते हैं। थोड़े ही दिन हुए, जब पथराव करने वाली उन्मादी भीड़ ने मुठभेड़ स्थल से आतंकियों को भागने का...

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मौलिक अधिकारों का संघर्ष जारी, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार चार्टर के 70 साल

मनुष्यों के लिए नागरिक, सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक अधिकार मौलिक मानवाधिकारों की श्रेणी में आते हैं. विभिन्न रिपोर्टें इस बात की पुष्टि करती हैं कि दुनिया की एक बड़ी आबादी आज भी अपने बुनियादी अधिकारों के लिए संघर्षरत है और मानवाधिकार उल्लंघन का शिकार है. मानवाधिकार के पक्ष में आवाज बुलंद करने की जरूरत को समझते हुए कई देश संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में 70 साल पहले एकजुट...

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