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पाम ऑयलः सब्सिडी के सहारे बढ़ती तेलंगाना में ताड़ की खेती, भविष्य में नुकसान की आशंका

मोंगाबे हिंदी, 06 दिसम्बर  तेलंगाना का खम्मम जिला पूरे राज्य में ताड़ की खेती के लिए जाना जाता है। यह राज्य के चार ऐसे चुनिन्दा जिलों में से है जहां 1990 के दशक में सबसे पहले ताड़ की खेती शुरू हुई थी। यहां ताड़ की खेती करने वाले बहुत से पुराने और नए किसान आपको आसानी से मिल जाएंगे। छप्पन वर्ष के विद्या सागर ऐसे ही एक किसान हैं जो इस...

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झीलों पर अतिक्रमण, अनियमित निर्माण बेंगलुरु की बाढ़ के मुख्य कारण

मोंगाबे हिंदी, 30 नवम्बर भारत की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का गढ़ बेंगलुरु, हाल ही में शहरी बाढ़ की वजह से सुर्खियों में बना हुआ था। इस साल अगस्त के अंतिम सप्ताह और सितंबर के पहले सप्ताह में लगातार बारिश होने की वजह से बेंगलुरु शहरी-बाढ़ से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा था। पिछले 34 वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए, इस साल बेंगलुरु में सितम्बर महीने के दौरान 131.6 मिलीमीटर बारिश...

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मुनाफे के मंसूबे में चौथी हरित क्रांति की भ्रांति

दैनिक ट्रिब्यून, 29 नवम्बर वह सब जो हाल में पढ़ा, अगर सच है तो चौथी हरित क्रांति मौजूदा कृषि व्यवस्था का हुलिया बदल देगी। परिष्कृत कृषि तकनीकें, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सहित रोबोटिक्स, डिजिटल तकनीक और सिंथेटिक भोजन इत्यादि है, आखिरकार भोजन प्रणाली के केंद्रीयकरण एवं नियंत्रण बनाने की ओर ले जाती हैं। फायदेमंद पहलू से, ये संभावनाएं शुरुआत में उत्साहित करती हैं, पर नुकसान के नजरिए से, ऐसे हालात बनेंगे कि...

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कॉप 27: दुनिया को 2040 तक शून्य फीसदी प्लास्टिक कचरे के लक्ष्य की है जरूरत

डाउन टू अर्थ, 11 नवम्बर प्लास्टिक उत्पादन और उसके बाद इससे होने वाला प्रदूषण जलवायु में बदलाव और जैव विविधता के नुकसान के लिए जिम्मेवार है। प्लास्टिक इस सप्ताह मिस्र में कॉप 27 में मुख्य चर्चा का विषय रहा। प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने के लिए अपनी आगामी वैश्विक संधि में संयुक्त राष्ट्र से 2040 तक एक साहसिक संकल्प करने और नए प्लास्टिक प्रदूषण को शून्य पर लाने का लक्ष्य निर्धारित करने...

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यूपी के उन्नाव के 13 गाँवों में धान के खेत में भर गया नाले का गंदा और प्रदूषित पानी

गाँव कनेक्शन, 09 नवम्बर दस बीघा जमीन उन्होंने लीज पर ली थी। लेकिन आज जब उनकी फसल कटने के लिए तैयार खड़ी है, तो उसको बर्बाद होते हुए देखना 28 साल के श्रीकृष्ण रावत के लिए आसान नहीं है। वह इस नुकसान से काफी परेशान और दुखी हैं। "मैंने इस दस बीघा जमीन पर धान की खेती में अब तक 60,000 रुपये खर्च कर दिए थे। यह मेरी जमीन नहीं थी,...

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