सीकर. जिले के एक लाख किसानों ने जल संकट के दर्द को समझते हुए अपने सिंचाई के तरीके को बदल लिया है। इससे एक महीने में करीब 90 अरब लीटर पानी की बचत हो रही है। सिंचाई का तरीका बदलने के लिए आगे आ रहे किसानों को कृषि विभाग अनुदान भी दे रहा है। कृषि विभाग के अनुसार, जिलेभर में करीब ढाई लाख किसान हैं। इनमें से करीब एक लाख किसान फसलों की फव्वारा, बूंद-बूंद...
More »SEARCH RESULT
स्कूलों को प्यास-अंधेरे ने जकड़ा
देहरादून। सूबे के प्राइमरी से लेकर माध्यमिक के सैकड़ों स्कूलों को 'प्यास और अंधेरा' जकड़े हुए है। हजारों छात्र-छात्राओं पर गरमी ही नहीं, हर मौसम भारी गुजरता है। 12 हजार स्कूलों में बिजली का उजाला नहीं तो 1800 स्कूल प्यासे हैं। स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं के आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि नौनिहालों के बहुमुखी विकास से सूबे की शिक्षा करीबी रिश्ता कायम करना तो दूर, कोसों दूर नजर आ रही है। प्राइमरी से...
More »पत्ता चूसकर प्यास बुझा रहे हैं ग्रामीण
सिमरिया : लावालौंग प्रखंड के टिकदा टोला सुथाय गांव के लोग भीषण पेयजल संकट से जूझ रहे है. गांव वाले पत्ता चूसकर प्यास बुझा रहे हैं. सखुवा, आंवला का पत्ता चुस कर तरास मिटाते है. सुथाय गांव प्रखंड मुख्यालय से 25 किमी दूरी पर स्थित है. इस गांव के लोग सालोंभर मंहगी नाला से पानी पीते है. इन दिनों पड़ रही भीषण गरमी के कारण नाला सूख गया है. ग्रामीणों का...
More »गंगा-सोन के किनारे, पटना जिले में प्यासे बैठे बेचारे
पटना गंगा व सोन के तटों पर बसे पटना जिला के तमाम प्रखंडों में ही नहीं बल्कि राजधानी भी तेज गर्मी के साथ पानी की समस्या जूझ रही है। पेयजल संकट दरअसल यहां की नियति बन गई है। चापाकल व कुएं सूखने लगे हैं। सरकारी नलकूपों की स्थिति जर्जर है। गांव से शहर तक में 'रेन हार्वेस्टिंग' की बात तो हो रही पर संपूर्णता में इसे आकार नहीं पा सका। शहरी विकास योजनाओं की...
More »दिन के 6 घंटे खप जाते हैं पानी लाने में
सासाराम [ब्रजेश कुमार]। बिहार के रोहतास जिले के कैमूर पहाड़ी क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था आसमान से तारे तोड़ने जैसी है। उग्रवाद प्रभावित इस क्षेत्र में महिलायें 5 से 15 किलोमीटर दूर पानी लाने जाती हैं। सुबह घर से निकली महिलाएं शाम को वापस लौट पातीं हैं। दशकों से जारी जल संकट के कारण लोगों की जीवन शैली बदल गई है। जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन के आश्वासनों के बीच समस्या बरकरार है। उग्रवाद प्रभावित रोहतास...
More »