ऐतिहासिक शहर तावडू को मोरों के शहर के नाम से जाना जाता है और आपात काल के दौरान 19 माह सिंचाई विभाग के विश्रामगृह में नजर बंद रहे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय मोरारजी देसाई द्वारा केन्द्र की सत्ता संभालने के बाद सिंचाई विभाग के विश्रामगृह को मोर पंख पर्यटन स्थल के नाम से परिवर्तित कर वर्ष 1978 में उसका उद्घाटन किया था। लेकिन मोर की यह प्रजाति सम्पूर्ण क्षेत्र से गायब...
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जलवायु: मौसम का पक्ष-विपक्ष-- अखिलेश आर्येंन्दु
धूप-छांव, गरमी-बरसात का आना-जाना प्राकृतिक संतुलन के लिए जरूरी है। धरती पर जीवन के लिए ये मौसम उतने ही जरूरी हैं जितना की हमें जिंदा रहने के लिए जल और भोजन। यों तो हमारी जलवायु के हिसाब से बारह महीने में तीन मौसम-जाड़ा, गरमी और बरसात प्रमुख हैं। उनका अपना अलग रंग-ढंग है। हर मौसम की अपनी खामी और खूबी होती है। सभी मौसमों में हमें कुछ सुखद अहसास होते...
More »कश्मीर को कारागार नहीं स्कूल चाहिए-- शशिशेखर
जो एक स्कूल के दरवाजे खोलता है, वह एक जेल का द्वार बंद भी करता है। - विक्टर ह्यूगो कश्मीर घाटी में इसका उल्टा हो रहा है। वहां स्कूलों की इमारतें फूंकी जा रही हैं। राज्य-कर्मचारियों को काम करने से रोका जा रहा है। मंत्रियों, विधायकों और जनता की नुमाइंदगी का दम भरने वाले नेताओं के घर क्षतिग्रस्त किए जा रहे हैं। यह प्रायोजित हिंसा का दूसरा जानलेवा प्रहसन है। इससे पहले...
More »घर बनवाने का किया था वादा, पत्ते का है आशियाना
हर गरीब-अमीर का एक सपना होता है. एक बंगला बने न्यारा. लेकिन, गनके की सानो कुंवर ने ऐसा कोई ख्वाब नहीं देखा था. 24 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पलामू आये. मुसहरों को जमीन का पट्टा दिया. इसके बाद सानो कुंवर ने बंगला तो नहीं, अपने आशियाने का सपना देखना जरूर शुरू कर दिया. पति से कहा कि अब कहीं नहीं जायेगी, गनके में ही अपना घर बना...
More »मच्छर जनित रोगों से उलझन भरी लड़ाई-- अरविन्द जैन
बरसात के बाद फैलने वाले डेंगू और चिकनगुनिया जैसे मच्छर जनित रोगों से देश को एक उलझन भरी लड़ाई लड़नी पड़ रही है। इन दोनों ही रोगों का इलाज उतना कठिन नहीं है, जितना कि इस पूरी समस्या से निपटना। डॉक्टर लक्षण के आधार पर इनके इलाज की सलाह देते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, डेंगू का पता लगाने का शुरुआती तरीका है एनएस-1 एंटीजन टेस्ट, जो बुखार...
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