हालिया चुनावों के नतीजों के साथ ही दो कद्दावर महिला मुख्यमंत्रियों (जयललिता और ममता बनर्जी) ने तमाम ऐतिहासिक साक्ष्यों को नकारते हुए दोबारा अपनी राजनैतिक ताकत का लोहा मनवा लिया। गुजरात में आनंदीबेन की कुर्सी फिलवक्त तो सुरक्षित लगती ही है। अब यदि उत्तर प्रदेश में भी अगले बरस बहिन मायावतीजी फिर सत्ता में आ जाती हैं, तो देश के चार महत्वपूर्ण राज्यों की कमान ताकतवर महिला मुख्यमंत्रियों के हाथों...
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तानाशाही नेतृत्व, खैरात की राजनीति-- राजदीप सरदेसाई
बाहर से देखने पर जयललिता और ममता बनर्जी एक-दूसरे से उतनी ही भिन्न हैं, जितना इडली सांभर, माछेर झोल से। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री पोएस गार्डन की स्वयंभू साम्राज्ञी हैं। पहुंच से दूर ऐसी शख्सियत, जो राजसी ठाठ-बाट से रहती हैं। इसके ठीक विपरीत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सलवटों वाली साड़ी और चप्पलों में खुद को लोक नायिका के रूप में पेश करना पसंद करती हैं और सड़क पर संघर्ष करने...
More »माना कि अच्छे दिन अभी नहीं आए हैं...- तवलीन सिंह
इस लेख को लिखते हुए मुझे दुख होता है, लेकिन लिखना जरूरी है, क्योंकि जिस तरह अरुण शौरी ने पिछले सप्ताह मोदी सरकार की आलोचना की, वह मुझे निजी तौर पर बुरा लगा। मैंने जब से पत्रकारिता की दुनिया में पहला कदम रखा, तब से मैं शौरी साहिब का सम्मान करती आई हूं। संयोग से मुझे अखबार में पहली नौकरी इमरजेंसी लगने से एक महीना पहले मिली थी। उस दौर...
More »राजनीतिक पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र और वित्तीय पारदर्शिता बेहद जरूरी - जगदीप छोकर
चुनाव आते ही राजनीतिक पार्टियों द्वारा मतदाताओं को लुभाने की कोशिशें तेज हो जाती हैं. कोई पैसे बांट कर लुभाता है, कोई शराब बांट कर लुभाता है, तो कोई उपहार बांट कर. करोड़ों रुपये पकड़े जाते हैं. हजारों बोतल शराब पकड़ी जाती है. जाहिर है, जिन पैसों से यह सब होता है, वह पैसा सही तो नहीं ही होगा. जो पैसा सही नहीं है, वह कालाधन की श्रेणी में अपने...
More »धनाढ्य-भव्यता में संस्कृति कहां!-- उर्मिलेश
यह बात बिल्कुल समझ में नहीं आती कि आधुनिक दौर के हमारे धर्माचार्य या बाबा अपने जीवन या कर्म में सहजता, शालीनता और सादगी जैसे मूल्यों को अपनाने के बजाय राजाओं-महाराजाओं, सामंतों या नवधनाढ्यों जैसी महंगी चमक-दमक, विराटता या भव्यता क्यों पसंद करने लगे हैं? क्या श्री श्री रविशंकर का विश्व सांस्कृतिक महोत्सव झारखंड, बिहार, यूपी, कनार्टक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश या हरियाणा के किसी खाली इलाके में नहीं...
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