कोई और देश यहां भूख मिटाने नहीं आयेगा. संविधान में भी कहा गया है कि लोगों की भूख मिटाना सरकार का दायित्व है. ऐसे में भूखे लोगों की उपेक्षा कर अनाज का निर्यात अपराध ही है. देश में बंपर फसल को देखते हुए अनुमान है कि आगामी एक जून तक गेहूं और धान का भंडार करीब 7.5 करोड़ टन का हो जायेगा. दूसरी ओर देश में 32 करोड़ लोग आज भी...
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किसानों की फिक्र (संपादकीय- दैनिक भास्कर)
जमीन पर कब्जा एक बड़ा मुद्दा है। भूमि अधिग्रहण का सवाल भारत में सामाजिक तनाव की खास वजह बना हुआ है। इस मुद्दे ने विकास की नीति एवं योजनाओं के लिए गंभीर चुनौती पैदा की है। समस्या इसलिए ज्यादा गंभीर है, क्योंकि जमीन का सीधा संबंध अनाज की पैदावार से है। खेती की जमीन का अन्य तरह का उपयोग खाद्य सुरक्षा की कीमत पर ही होता है। खबरों के मुताबिक वर्ष 2000 और...
More »थोड़ी खुशी ज्यादा गम- ।।प्रभात पटनायक।।
भूमि अधिग्रहण और विकास के शोर में हमारी जर्जर कृषि अर्थव्यवस्था भयानक संकट का सामना कर रही है, मगर वित्तमंत्री बजट में खेती-बाड़ी पर शोध के लिए 200 करोड़ की मामूली रकम का इंतजाम करके दूसरी हरित क्रांति का सपना देख रहे हैं. वित्त वर्ष 2012-13 का बजट कई वजहों से अहम माना जा रहा है. एक तरफ़ यूपीए सरकार चुनावी हार का सामना करने के बाद सियासी मोर्चे पर घिरी हुई...
More »सुधारों को नहीं मिली तेज धार ।।सुरजीत एस भल्ला।।
यूपीए सरकार की दूसरी पारी शुरू होने के कुछ महीने बाद ही लेहमैन ब्रदर्स और एआइजी जैसे बड़े नामों को ढहने के साथ ही वैश्विक आर्थिक मंदी की शुरुआत हो गयी थी. यूरोप की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और अमेरिका आर्थिक मंदी के भंवर से आज तक नहीं निकल पाये हैं, वहीं भारत मंदी के बाद भी आठ फ़ीसदी की विकास दर बरकरार रखने में कामयाब रहा था. यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार के कहर...
More »पोंटी के प्यार में यूपी सरकार- जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट
शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा की गाजियाबाद स्थित परियोजना वेव सिटी अपनी शुरुआत से ही नियम-कायदों की भयानक अनदेखी और किसानों के दमन का उदाहरण रही है.जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट बताती है कि किस तरह उत्तर प्रदेश में अलग-अलग समय पर रही सरकारों ने इस परियोजना के प्रति खास दरियादिली दिखाई किस्तों में कत्ल हुआ मेरा, कभी खंजर बदल गए, कभी कातिल बदल गए... कुछ ऐसी ही पीड़ा है गाजियाबाद से सटे नायफल...
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