जोसेफ हेलर के प्रसिद्ध उपन्यास कैच-22 में लेफ्टिनेंट मायलो माइंडरबाइंडर का चरित्र खुद से कारोबार करके ख्याति अर्जित करता है। वह खुद से इस तरह कारोबार करता कि लेन-देने के चक्र में शामिल हर व्यक्ति को मुनाफा होता, जो अंतत: सरकार की जेब से ही आता है। वह किसी चीज की पूरी सप्लाई खरीद लेता जैसे एक गांव के सारे अंडे, टमाटर खरीद लिए और फिर अपनी ही फौजी यूनिट...
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अर्थव्यवस्था को संजीवनी का मंत्र - डॉ. भरत झुनझुनवाला
सरकार की पुरजोर कोशिश है कि भारत वैश्विक विनिर्माण का गढ़ बन जाए। इसके लिए 'मेक इन इंडिया के तहत बहुराष्ट्रीय कंपनियों को देश में फैक्ट्रियां लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि रोजगार के अवसर सृजित हों और लोगों की आमदनी बढ़े। इस दिशा में सरकार ने दो महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पहला कदम वित्तीय घाटे पर नियंत्रण का है। सरकार द्वारा आय से अधिक खर्च करने...
More »पशुपालन से टूटता मोह--- रीता सिंह
यह चिंताजनक है कि कृषि प्रधान देश भारत में पशुपालन के प्रति लोगों की अरुचि बढ़ती जा रही है। मवेशियों की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है। आजादी के बाद से 1992 तक देश में मवेशियों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। लेकिन उसके बाद इनकी संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। 2007 में पशुओं की संख्या में मामूली वृद्धि हुई थी लेकिन उसके बाद इनकी...
More »कभी करती थी मजदूरी, अब लखपति बन गई सतवंती
बालाघाट। कहते हैं जहां चाह है वहां राह है...कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बुदबुदा की एक महिला सतवंती ने। वह पहले मजदूरी करती थी लेकिन अब अपनी मेहनत से पूरे परिवार की तकदीर बदल दी। सतवंती ने रेशम की खेती शुरू कर दी है। जिस जमीन में वह सालभर मेहनत करके 30-35 हजार भी नहीं बचा पाती थी। अब सालाना 1 लाख रुपए मुनाफा कमा रही है। यह सब...
More »सस्ती दवाएं देने के बाद भी कंपनियों को होगा 40 फीसदी मुनाफा
भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। मरीजों को सस्ती व गुणवत्ता वाली दवाएं देने के लिए केंद्र सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। 10 गुना (1 हजार फीसदी) तक महंगे दामों पर दवाओं को बेचने वाली कंपनियों पर लगाम कसने के लिए नेशनल फार्मास्यूटिकल पॉलिसी 2017 का मसौदा तैयार हो गया है। हालांकि इसके बाद भी कंपनियां अधिकतम 35 से 40 फीसदी (1 गुना से भी कम) मुनाफा मरीजों से वसूल सकेंगी। नेशनल...
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