नई दिल्ली: मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंडिया ने मंगलवार को जारी नई रिपोर्ट में बताया है कि 2018 में देश में हाशिये के लोगों, खासतौर पर दलितों के ख़िलाफ़ घृणा अपराध (हेट क्राइम) के कथित तौर पर 200 से ज़्यादा मामले सामने आए. इस तरह की घटनाओं में उत्तर प्रदेश लगातार तीसरे साल शीर्ष पर है. एमनेस्टी इंडिया ने अपनी वेबसाइट पर रिकॉर्ड जारी करते हुए कहा कि घृणा अपराध के मामले...
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गोरक्षा के नाम पर पिछले तीन साल में करीब 44 लोगों की हत्या हुई: रिपोर्ट
नई दिल्ली: भारत में पिछले तीन साल में लगभग 44 लोगों की कथित गोरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई. अंतराष्ट्रीय संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वॉच' की रिपोर्ट का कहना है कि अक्सर ऐसे तथाकथित गोरक्षकों को प्रशासन और हिंदुत्ववादी नेताओं का संरक्षण प्राप्त होता है. बिजनेस स्टैंडर्ड की ख़बर के अनुसार, इस सप्ताह में जारी 104 पृष्ठ की रिपोर्ट में हिंदू राष्ट्रवादी समूहों द्वारा हमलों की जांच की गई और कहा गया...
More »तमिलनाडु में महात्मा की चमक-- रामचंद्र गुहा
महात्मा गांधी आधुनिक युग के ऐसे इंसान हैं, जो किसी भी अन्य भारतीय की अपेक्षा अपने होने को सार्थक करते हैं। एक ऐसे हिंदू, जिन्होंने मुसलमानों के समान अधिकारों के लिए अपना करियर तो समर्पित किया ही, जीवन भी बलिदान कर दिया। 1922 में राजद्रोह के मुकदमे की सुनवाई कर रहे अंग्रेज जज ने पेशा पूछा, तो उनका जवाब था- ‘किसान और बुनकर'। जीवन यापन के दो ऐसे तरीके, जो...
More »भारतीय संविधान मुसलमानों को अल्पसंख्यक नहीं कहता, तो फिर किसने उन्हें अल्पसंख्यक बनाया?
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का प्रभार संभालने के तुरंत बाद 2014 में नजमा हेपतुल्ला ने मुसलमानों के अल्पसंख्यक दर्ज़े को लेकर एक ज़बरदस्त टिप्पणी की. उन्होंने कहा, ‘यह मुस्लिम मामलों का मंत्रालय नहीं है, यह अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय है ... मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं हैं.' हेपतुल्ला का दावा जायज़ है. संविधान अल्पसंख्यक शब्द को परिभाषित नहीं करता है. संख्या की दृष्टि से छोटे किसी समुदाय की विशिष्टता को अल्पसंख्यक दर्ज़े के...
More »हाशिमपुरा- इकतीस साल बाद-- विभूति नारायण राय
बुधवार को जब उच्च न्यायालय ने हाशिमपुरा नरसंहार के सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई, तो 31 साल पुरानी इस दुखद घटना के सारे दृश्य एक के बाद एक मेरी आंखों के सामने से गुजरने लगे। कुछ अनुभव ऐसे होते हैं, जो जिंदगी भर आपका पीछा नहीं छोड़ते। दु:स्वप्न की तरह वे हमेशा आपके साथ चलते हैं। कई बार तो कर्ज की तरह आपके सीने पर सवार रहते...
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