जनसत्ता 12 सितंबर, 2013 : सोलह दिसंबर के दिल्ली के चर्चित बलात्कार कांड की बाबत अदालती फैसला आ गया है। इस फैसले के बरक्स स्त्रियों के विरुद्ध हिंसा ज्यों की त्यों जारी है। सारे समाज को उद्वेलित करने वाले इस कांड के बाद यौनहिंसा से संबंधित कानूनों की समीक्षा की जरूरत महसूस हुई और इसके लिए केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश जेएस वर्मा की अध्यक्षता में...
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भूमिहीन परिवार बनें जमीन के मालिक
वनाधिकार पट्टा योजना इस योजना के तहत सरकार वैसे आदिवासी परिवारों को बसने और जीवन यापन के लिए वनभूमि पर अधिकार का पट्टा देती है, जिस भूमि पर कोई आदिवासी परिवार लंबे समय से बसा हुआ हो. इस तरह की जमीन अहस्तांतरणीय और गैर व्यावसायिक होती है. यानी पट्टे पर मिली वन भूमि पर आदिवासी परिवार घर बना कर खुद रह सकता है और उस जमीन पर खुद के खाने लायक...
More »भारत में 17 करोड़ से ज्यादा बच्चों का मुश्किल में जीवन
नई दिल्ली। सरकार अपने कुल खर्च का एक फीसद से भी कम बच्चों के संरक्षण पर खर्च करती है और देश में 17 करोड़ से ज्यादा बच्चे और किशोर कठिन परिस्थितियों में रहते हैं। यह बात गुरुवार को बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने कही। बाल श्रम विरोधी कार्यकर्ता शांता सिन्हा ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बाल एवं किशोर अधिकारों की रक्षा व उनको बढ़ावा देने की खातिर कानूनी और प्रशासनिक ढांचे...
More »भूमिहीन परिवार बनें जमीन के मालिक
इस योजना के तहत सरकार वैसे आदिवासी परिवारों को बसने और जीवन यापन के लिए वनभूमि पर अधिकार का पट्टा देती है, जिस भूमि पर कोई आदिवासी परिवार लंबे समय से बसा हुआ हो. इस तरह की जमीन अहस्तांतरणीय और गैर व्यावसायिक होती है. यानी पट्टे पर मिली वन भूमि पर आदिवासी परिवार घर बना कर खुद रह सकता है और उस जमीन पर खुद के खाने लायक फसल उपजा...
More »लाह की खेती से बेड़ाडीह में आयी खुशहाली
रांची के नामकुम प्रखंड की हहाप पंचायत का घने जंगलों के बीच बसा बेड़ाडीह गांव के लोग पहाड़ी-पथरीली भूमि पर थोड़ी-बहुत खेती कर व कुछ वनोपज तैयार कर अपनी जीविका चलाते रहे हैं. अन्य वनोपज की तरह वे लाह का भी उत्पादन करते रहे हैं, लेकिन तकनीक व वैज्ञानिक सोच के अभाव में ग्रामीणों में इससे आर्थिक समृद्धि नहीं आयी. किसी तरह लोग अपना गुजर-बसर कर लेते थे. पर, नामकुम...
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