वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से घरेलू स्तर पर मुद्रास्फीति (महंगाई) बढ़ने का जोखिम बना हुआ है। इससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई ) वित्त वर्ष 2018-19 की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रख सकता है। ऐसे में कर्ज की मासिक किश्त (ईएमआई) घटने की उम्मीद लगाए उपभोक्ता और उद्योग जगत को निराश होना पड़ सकता है। दिग्गज...
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जब डूबने लगेंगे तटीय शहर-- अरविन्द कुमार सिंह
जलवायु संकट की वजह से पिघलती बर्फ के कारण समुद्र का जल-स्तर इस सदी के अंत यानी वर्ष 2100 तक वैज्ञानिकों के पूर्वानुमान से दोगुने से भी ऊपर निकल जाएगा। यह चौंकाने वाली बात अमेरिका के कोलाराडो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज' में प्रकाशित शोध में कही है। वैज्ञानिकों ने वर्ष 2100 तक समुद्र का जल-स्तर तीस सेंटीमीटर बढ़ने का अनुमान लगाया था। लेकिन...
More »नौ फीसद विकास दर से मिट सकती है देश में गरीबी : रंगराजन
हैदराबाद। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहा है कि देश में गरीबी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को सुलझाने के लिए अगले दो दशकों तक आर्थिक विकास की रफ्तार आठ-नौ फीसद रहने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने इस पर जोर दिया कि विकास की इस यात्रा में समाज के गरीब तबके को जोड़ना और उनका खयाल रखना चाहिए। यहां एक कार्यक्रम में रंगराजन ने दक्षिण कोरिया...
More »तीसरी तिमाही में 7.2% रही GDP, चीन को पछाड़ पहले पायदान पर पहुंचा भारत
केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए बुधवार को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर एक अच्छी खबर आई है। 2018 की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 फीसद रही है। इससे पिछली तिमाही में 6.3 फीसद रही थी। जीडीपी की इस रफ्तार के बूते भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। इस विकास दर के साथ ही भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने...
More »सात फीसदी तक कम हो सकती है सूरज की गर्मी, हिम युग की है आशंका!-- अमिताभ पांडे
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो के सोलर वैज्ञानिकों ने आशंका जतायी है कि आगामी दशकों में सूरज की तीक्ष्णता कमजोर पड़ सकती है. हालांकि, ऐसी घटना पहली बार नहीं होगी और इससे पहले भी ऐसी घटना हो चुकी है. लेकिन, इतना जरूर है कि धरती पर इससे अनेक बदलावों की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता. क्या है यह घटना और इससे जुड़े अनेक पहलुओं के बारे...
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