SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 6840

पंचायतों में महिलाओं की मौज़ूदगी से ऐसे बदल रही है गाँवों की तस्वीर

गाँव कनेक्शन, 5 जुलाई महोबा के मामना गाँव की पँच रह चुकी पनकुंवर अपने गाँव की महिलाओं के लिए मिसाल हैं। दरअसल पँचायत सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद भी उनको रबर स्टैंप से ज़्यादा अहमियत नहीं दी जाती थी। अक्सर प्रधान रजिस्टर पर दस्तख़त लेने के लिए किसी न किसी को उनके पास भेज देते थे। लेकिन एक दिन उनके इसपर एतराज़ और सवाल पूछने से ये परम्परा...

More »

मॉनसून के बावजूद बिहार में सूखे जैसे हालात, केंद्र ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक

डाउन टू अर्थ, 30 जून बेशक बिहार में मॉनसून पहुंच चुका है, लेकिन अभी भी राज्य में सूखे जैसे हालत बन गए हैं। 28 जून 2023 तक के बारिश के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में सामान्य से 74 फीसदी कम बारिश हुई है। यह स्थिति तब है, जबकि पिछले 24 घंटों के दौरान कई जिलों में बहुत अधिक बारिश हुई है। हालात बिगड़ते देख केंद्र की ओर से एक उच्च...

More »

आंध्र प्रदेश की एच एंड एन हस्तक्षेप परियोजना से ग्रामीणों में कुपोषण में कमी देखी गई है

जनता से रिश्ता, 28 जून  प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और दैनिक आहार में पोषण मूल्य में सुधार करने के मद्देनजर, रायथु साधिकारा संस्था (आरवाईएसएस) ने आंध्र प्रदेश समुदाय प्रबंधित प्राकृतिक खेती (एपीसीएनएफ) परियोजना के हिस्से के रूप में एक स्वास्थ्य और पोषण (एच एंड एन) हस्तक्षेप पायलट परियोजना शुरू की है। राज्य। पायलट प्रोजेक्ट में सामुदायिक पोषक उद्यान और खाद्य प्लेटें शामिल हैं। पोषक उद्यानों के तहत, व्यक्तियों, स्वयं सहायता...

More »

अचानक बाढ़ और सूखे जैसे हालात से प्रभावित हो रही है असम की खेती

मोंगाबे हिंदी, 28 जून साल 2022 में असम में हुई रिकार्ड तोड़ बारिश के बाद आई बाढ़ पिछले एक दशक में राज्य में आई सबसे भयावह बाढ़ थी। इसके ठीक पहले असम के कुछ जिलों में सूखे जैसे हालत थे और किसानों की फसलों की बुवाई भी देरी से हो पा रही थी। एक साल बाद 2023 के मार्च महीने में प्री-मॉनसून के मौसम में असम में जरूरत से ज्यादा बारिश...

More »

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे बताता है कि गुजरात के बच्चों में कुपोषण का स्तर चिंताजनक है

द वायर, 28 जून गुजरात पर 2022 में जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) के निष्कर्षों से पता चला कि राज्य में पांच साल से कम उम्र के 9.7 प्रतिशत से अधिक बच्चे कम वजन के थे. सरकार ने पोषण अभियान, मातृत्व सहयोग योजना, एकीकृत बाल विकास सेवाएं, मिड-डे मील योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, राष्ट्रीय पोषण मिशन, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन और राष्ट्रीय पोषण जैसी योजनाओं के साथ सरकार ने देश...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close