यह तो खैर पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि संसद का मानसून सत्र न केवल हंगामाखेज रहेगा, बल्कि वह पूरी तरह से 'धुल" भी सकता है। अब जब ऐसा वस्तुत: होता नजर आ रहा है तो यह किसी के लिए भी अप्रत्याशित नहीं है। सवाल यही था कि क्या इसके बाद मोदी सरकार अपनी नीतियों में बुनियादी बदलाव लाने को मजबूर होगी। संसद में विधायी कार्य ठप...
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भूमि बिल पर फिर आएगा अध्यादेश
केंद्र सरकार विवादास्पद भूमि अधिग्रहण पर तीसरी बार अध्यादेश ला सकती है। राज्यसभा में अल्पमत के चलते इससे जुड़े बिल को संसद की मंजूरी दिलाने में नाकाम सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को इस मुद्दे पर बैठक की। इसमें भू-अधिग्रहण अध्यादेश को फिर से लागू किए जाने की मंजूरी दी गई। विधेयक संसद की संयुक्त सचिव के पास विचाराधीन: मौजूदा अध्यादेश की अवधि 3 जून को खत्म हो रही है,...
More »जमीन पर छवि चमकदार नहीं- हरि जयसिंह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुआयामी शख्सियत के धनी हैं। आज जब वे प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल का एक साल पूरा कर रहे हैं तो उनके शुभचिंतक-प्रशंसक और उनके निंदक-आलोचक दोनों ही अलग-अलग दृष्टिकोणों से इसकी समीक्षा कर रहे हैं। सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने इस एक साल में यह तो स्पष्ट कर ही दिया है कि आर्थिक सुधारों की डगर पर वह विपक्ष के रूप...
More »उपलब्धियों से अधिक चुनौती -- अजय बोस
केंद्र की सत्ता में एक साल पूरे होने के अवसर पर भाजपा चाहे कितना भी जश्न क्यों न मनाए, वास्तविकता यह है कि उसकी परेशानी छिपाए नहीं छिप रही। अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि कॉरपोरेट हितैषी की रही है। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद से उनकी यह छवि कमोबेश खंडित होती दिखाई देती है। पिछले दिनों खत्म हुए बजट सत्र में उनकी कोशिशों के बावजूद ऐसा कुछ नहीं हुआ,...
More »न बदलें महिला हितैषी कानून- सुभाषिनी अली सहगल
कभी-कभी बड़ी सुर्खियों के पीछे महत्वपूर्ण खबरें छिप जाती हैं। कुछ दिन पहले एक खबर छपी थी कि मोदी सरकार के मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया है कि फौजदारी कानून की धारा 498-ए के तहत दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर आरोपी या आरोपियों को गिरफ्तार न करके यह कोशिश की जाएगी कि दोनों पक्षों के बीच समझौता किया जाए। इसके पीछे तर्क यह दिया गया है कि इस...
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