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सरकार की पकड़ से कोर्ट को छुड़ाने और जनता का भरोसा जीतने तक, बहुत दारोमदार है जस्टिस गोगोई के अंतिम 4 फैसलों पर

भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के 17 नवंबर को सेवानिवृत होने से पहले चार महत्वपूर्ण मामलों में फैसले सुनाने की उम्मीद है, जो भारत और इसके शासन के तौर-तरीके के लिए दूरगामी प्रभाव वाले होंगे. ये इन फैसलों, खास कर जो रिटायर हो रहे गोगोई लिखेंगे, के जरिए सुप्रीम कोर्ट के आभामंडल को कुछ हद तक पुनर्स्थापित करने का भी अवसर है. ऐसा इसलिए क्योंकि देश की सर्वोच्च अदालत ने...

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विपक्षी धारा का आधारहीन हो जाना-- बद्री नारायण

भारतीय राजनीति में विपक्ष लगातार कमजोर होता जा रहा है। इसे हमें राजनीतिक दलों और उनके नेतृत्व के हिसाब से ही नहीं, इन दलों के सामाजिक आधार के हिसाब से भी देखना होगा। विपक्ष में रहने की आदत और चाहत समाज के आगे बढ़े हुए तबकों में तो कमजोर हुई ही है, गरीबों और पिछड़ों आदि को भी लगातार विपक्ष में बने रहना उनके अस्तित्व के लिए मुश्किल लगता है।...

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बाधाएं बहुत, पर आगे बढ़े हैं लोग-- श्रीनाथ राघवन

जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नए युग की शुरुआत हो चुकी है। वैसे जम्मू-कश्मीर के इतिहास में यह कोशिश इतनी नई भी नहीं है। इंदिरा गांधी भी कश्मीर में यथास्थिति बदलना चाहती थीं। इस राज्य के विशेष दर्जे को खत्म करने के निर्णय को सही ठहराते हुए मोदी सरकार ने नई व्यवस्था के तहत कश्मीर...

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सोनभद्र में जिस ज़मीन के लिए 10 लोगों को मार दिया गया, उसका कोई राजस्व रिकॉर्ड नहीं

सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के घोरावल तहसील के उम्भा गांव में बीते 17 जुलाई को जिस विवादित भूमि पर कब्जे को लेकर भीषण हिंसा हुई थी उस भूमि के 1955 के राजस्व रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं. अपर जिलाधिकारी योगेंद्र बहादुर सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए मंगलवार को बताया कि रिकॉर्ड जिस समय का है, उस समय सोनभद्र मिर्जापुर जिले का हिस्सा था और एक निर्धारित अवधि के बाद...

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ग्राम सभाओं की जरूरत-- डा. अनुज लुगुन

आम बजट में सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है. बजट पर अर्थशास्त्रियों के अपने-अपने मत हैं. बीबीसी की वेबसाइट में प्रकाशित एक आर्थिक विश्लेषण में कहा गया कि अर्थव्यवस्था कहां होगी और अर्थव्यवस्था में कौन कहां होगा, ये दो अलग-अलग और महत्वपूर्ण सवाल हैं. हमारा सवाल भी यही है कि अर्थव्यवस्था में कौन कहां होगा? इस सवाल को आर्थिक से ज्यादा सामाजिक...

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