इस महीने की शुरुआत में द्रमुक सुप्रीमो एम के करुणानिधि का 94वां जन्मदिन मनाया गया। जश्न के लिए तमाम विपक्षी नेता उस दिन चेन्नई में जमा हुए, लेकिन जल्द ही यह जश्न प्रधानमंत्री मोदी, उनकी ‘जन-विरोधी' नीतियों और हिंदुत्व की राजनीति पर हमले का मंच बन गया। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने ऐसे किसी विवाद से बचने की पूरी कोशिश की। उन्होंने...
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पहलू खान और मशाल खान-- विभूति नारायण राय
पचपन साल के पहलू खान और तेईस वर्षीय मशाल खान में खान उपनाम के अतिरिक्त क्या समानता हो सकती है? अलवर जिले के बहरोड़ कस्बे में एक अप्रैल को निर्ममता से गोरक्षकों द्वारा कत्ल किए गए पहलू खान और पेशावर के पास मरदान में 13 अप्रैल को उतने ही वहशियाना तरीके से ईश निंदा के फर्जी आरोप में मारे गए मशाल खान की दुनिया एकदम अलग थी। हरियाणा में मेवात...
More »खानपान थोपने की बेजा कोशिशें - मृणाल पांडे
पिछले कुछ समय से भारतीय खानपान के लोकतंत्र में मांसाहार के खिलाफ शाकाहार के स्वयंभू रक्षकों ने एक अजीब सा धावा बोल रखा है। भारतीय परंपरा की शुचिता बनाए रखने की अपील करते हुए वे देश के सभी लोगों को जबरन मांसाहार से शाकाहार की तरफ हांक रहे हैं। संभव है कि उनको किसी हद तक शाकाहारी धड़े के मन की बनावट की कुछ जानकारी हो, किंतु वे इस महत्वपूर्ण...
More »लोकतंत्र पर उठते सवाल-- अनुपम त्रिवेदी
देश में चुनावी माहौल है. कुछ प्रदेशों में चुनाव हो रहे हैं और कुछ में शीघ्र होनेवाले हैं. लगभग हर छह माह में कहीं न कहीं चुनाव होते हैं और इन्हें लोकतंत्र के पर्व की संज्ञा दी जाती है. भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक कैलेंडर में यूं ही रोज कोई न कोई त्योहार होता है. उन त्योहारों में चुनाव रूपी यह सरकारी त्योहार भी जुड़ गये हैं. सभी यह त्योहार...
More »CSDS सर्वे: यूपी में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के ज्यादा शिकार हुए पढ़े-लिखे हिंदू नौजवान
छह दिसंबर 1992 का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक काला दिन है। इसी दिन अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद को कारसेवकों की बेकाबू भीड़ ने गिरा दिया। उस घटना के 24 साल बाद भी उत्तर प्रदेश में कोई भी चुनाव उसके जिक्र के बिना पूरा नहीं होता। बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद यूपी में पूरी एक पीढ़ी जवान हो चुकी है लेकिन ये मुद्दा अभी भी राजनीतिक रूप...
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