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खुले में शौच करने के मामले में झारखंड राज्य दुनिया में सबसे आगे

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के 92.4 फीसदी घरों में नहीं हैं शौचालय रांची : खुले शौचालय के मामले में झारखंड पूरी दुनिया में सबसे आगे है. झारखंड में ग्रामीण क्षेत्रों के 92.4% घरों में शौचालय नहीं है. यूएनडीपी द्वारा वर्ष 2010 में जारी की गयी ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट में दुनिया के 190 देशों में शौचालय की स्थिति का अध्ययन किया गया. उस समय अफ्रीका के देश नाइजर और चाड में 91%...

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राज्य में 1.04 लाख शिक्षकों के पद रिक्त

कोलकाता/नयी दिल्ली: पश्चिम बंगाल के स्कूलों में 1.04 लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जबकि देशभर के स्कूलों में शिक्षकों के 11.87 लाख पद रिक्त हैं. मध्याह्न् भोजन योजना में स्वच्छता व सुरक्षा सुनिश्चित करने, इस योजना की निगरानी के लिए अधिकार संपन्न समिति गठित करने, राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा मिशन गठित करने जैसे विषयों पर केंद्र और राज्यों के शिक्षा मंत्री, शिक्षाविद व अन्य पक्ष विचार-विमर्श करेंगे. इसके मद्देनजर 10 अक्तूबर...

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पीएचइडी : चापाकल गाड़े बिना लाखों की निकासी

जमशेदपुर: पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के ठेकेदार एस मुमताज अहमद  ने चापाकल गाड़े बगैर फरजी बिल के माध्यम से  लाखों रुपये उठा  लिया है. औचक जांच में फरजी बिल का मामला पकड़ाया. चीफ ड्राइंग इंजीनियर ने उसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया है. साथ ही ठेकेदार के कडरू (रांची) जामियानगर स्थित आवास पर नोटिस भेजा है. मिली जानकारी के मुताबिक  2011-12, 2012-13 और 2013-14 में उक्त ठेकेदार ने फरजी बिल के माध्यम से लाखों...

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वैश्वीकरण बनाम आदिवासी- हरिराम मीणा

जनसत्ता 29 जुलाई, 2013: भूमंडलीकरण का यह वह दौर चल रहा है जब सारे प्राकृतिक संसाधनों का फटाफट और अंधाधुंध दोहन कर लिया जाए, हो सकता है फिर ऐसा सुनहरा अवसर इन कंपनियों को मिले या न मिले। नई आर्थिक नीति की चरम परिणति जन-विरोधी वैश्वीकरण के रूप में अब सामने आ रही है। बहुराष्ट्रीय निगमों, उनको मॉडल मानने वाले देशी पूंजीपतियों और प्राकृतिक संसाधनों की बंदरबांट में लगे राजनीतिकों,...

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भूमि अधिग्रहण और स्त्रियां- मुस्कान

जनसत्ता 29 अप्रैल, 2013: भूमि अधिग्रहण (पुनर्वास और पुनर्स्थापन) विधेयक अब कानून बनने की दिशा में निर्णायक मोड़ पर आ चुका है। एक सौ सत्तासी संशोधनों के सुझावों के बाद अब अगर संसद में विधेयक पर मुहर लग जाती है तो एक तरफ जहां सरकार अपनी पीठ थपथपाएगी वहीं ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में जिनकी जमीनें अधिग्रहीत की जानी हैं, वे भी मुआवजा बढ़ने से शायद राहत महसूस करें। लेकिन...

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