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सामाजिक अंकेक्षण ने खोली भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की राह

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में सिलसिलेवार सामाजिक अंकेक्षण से नरेगा के कामों में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। सामाजिक अंकेक्षण की एक परिणति कई सरकारी अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने में हुई है । सामाजिक अंकेक्षण से नरेगा के अंतर्गत काम करने वाले मजदूरों को करोड़ों रुपये की बकाया मजदूरी का भुगतान भी हासिल हो सका है।(देखें कृपया नीचे दी हुई लिंक)।नरेगा के काम में...

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आरटीआई के लिए ई-गवर्नेस को मंजूरी

नई दिल्ली। पेंशन एवं जन शिकायत और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने सोमवार को कहा कि सूचना के अधिकार कानून को और प्रभावी बनाने के लिए ई-गवर्नेस एवं ई-मेल के जरिए संवाद की सेवा को सरकार ने सिद्धांत रूप में मंजूरी दे दी है। चह्वाण ने कहा, सरकार ने आरटीआई को कारगर बनाने के लिए पिछले वर्ष केंद्र प्रायोजित योजना पेश की गई थी। इसके तहत राष्ट्रीय आरटीआई...

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राजस्थान -- सोशल ऑडिट में भागीदारी का अनोखा अवसर

आंध्रप्रदेश के अनुभवों से सीख लेते हुए राजस्थान सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना(नरेगा) को प्रभावकारी तरीके से लागू करने और उसपर कारगर नियंत्रण रखने के लिए सोशल ऑडिट को संस्थायी रुप देने का फैसला किया है। अशोक गहलोत नीत सरकार की प्रतिबद्धताओं में सोशल ऑडिट का या निदेशालय बनाना भी शामिल है ताकि नरेगा से जुड़ी जनसुनवाई का काम नियमित रुप से हो सके और जनसुनवाई के निष्कर्षों...

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नरेगा और सोशल ऑडिट

खास बात • मनरेगा में वित्तवर्ष 2015-16 में 235.6 करोड़ व्यक्ति-दिवसों के बराबर रोजगार का सृजन हुआ है. यह पिछले पांच सालों में अधिकतम है.   • वित्तवर्ष 2015-16 में कुल 5.35 करोड़ परिवारों ने मनरेगा के तहत रोजगार की मांग की लेकिन केवल 4.82 करोड़ परिवारों को ही रोजगार दिया जा सका यानी 9.9 फीसद परिवारों को मांग के बावजूद रोजगार नहीं हासिल हुआ.   • वित्तवर्ष 2015-16 में मनरेगा में प्रति परिवार औसतन 49 व्यक्ति दिवसों के बराबर...

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लघु ऋण

खास बात फिलहाल ३६ फीसदी ग्रामीण परिवार परिवार सांस्थानिक कर्जे के दायरे से बाहर हैं यानी सांस्थानिक कर्जे तक इनकी पहुंच नहीं है।* अगर प्रति परिवार दो हजार की सालाना रकम को आधार मानें तो ग्रामीण इलाके के गरीब परिवारों के लिए सालाना १५००० करोड़ रुपये के कर्जे की जरुरत होगी।* बड़े बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की ३३००० हजार शाखाएं गंवई इलाकों में और १४००० शाखाएं कस्बाई इलाकों में हैं। सहकारी बैंकों...

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