अरहर के महंगे दामों से परेशानी झेल रही जनता के लिए राहत की खबर है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान(आईएआरआई) ने अरहर दाल की एक नई किस्म तैयार की है जो 120 दिन में तैयार हो जाती है और 20 क्विंटल प्रति हैक्टेयर का उत्पादन देती है। अरहर की वर्तमान किस्मों को तैयार होने में 160 से 180 दिन लगते हैं। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में अरहर जून जुलाई में...
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आत्महत्या की खेती
पंजाब में खेती की हताशा से आत्महत्या करने वालों में समाना के गांव गाजीसालार के जसवंत सिंह का नाम भी जुड़ गया है। कितना हृदयविदारक दृश्य होगा कि पहले बेटी की विदाई हुई फिर बाप की अर्थी उठी। जाहिर है कर्जे तले दबे किसान ने घाटे का काम साबित हो रही खेती से हताश होकर यह कदम उठाया। यह अकेली घटना नहीं है। पिछले दो महीने में बठिंडा व मानसा...
More »जल्लीकट्टू को अनुमति देने वाली केंद्र की अधिसूचना को उच्चतम न्यायालय में चुनौती
नयी दिल्ली : तमिलनाडु में पोंगल उत्सव के दौरान सांडों को काबू में करने के खेल जल्लीकट्टू पर से प्रतिबंध हटाने की केंद्र की अधिसूचना को आज उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी. मुद्दे पर तत्काल सुनवाई का आग्रह करने वाली याचिकाओं का उल्लेख प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष किया गया. पीठ इस पर कल मंगलवार को सुनवाई करने पर सहमत हो गयी. याचिकाएं एनीमल वेल्फेयर बोर्ड...
More »1 लीटर तरल खाद, एक एकड़ फसल में बढ़ा देगी 20 फीसदी उत्पादन
पीयूष बाजपेयी, जबलपुर। खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए तरह-तरह के नए सीड तैयारे करने वाले कृषि वैज्ञानिकों ने अब तरल खाद तैयार की है। वैज्ञानिकों का दावा है कि 35 साल की रिसर्च के बाद तैयार इस तरल खाद को एक एकड़ क्षेत्र में 1 लीटर डालने पर लगभग 20 फीसदी तक उत्पादन बढ़ जाएगा। यह सभी प्रकार की खेती में उपयोग की जा सकेगी। यह रिसर्च जवाहरलाल...
More »बोई जुवार, स्वीकृत हो गया मिर्च का मुआवजा
भीकनगांव (खरगोन)। नईदुनिया की पहल अब ग्रामीण अंचल में भी मिशन बनने लगी है। दूरदराज क्षेत्र के एक किसान ने इसे सच साबित कर दिखाया। स्वयं ने स्वीकार किया कि उसने जो फसल बोई उसका बेहतर उत्पादन मिला। इसके बावजूद उसे एक अन्य फसल की बर्बादी का मुआवजा स्वीकृत हो गया। इस किसान ने गलत ढंग से मुआवजा हासिल करने की बजाय समाज के सामने अनियमितताओं और प्रशासनिक कारगुजारी को...
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