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आदेश को ठेंगा

जयपुर। सुप्रीम कोर्ट के साफ निर्देशों की भी चिंता न करते हुए राजस्थान सरकार ने खनन के लिए सौ से ज्यादा ठेके जारी कर दिए। अरावली की पहाड़ियों पर चल रहे खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने साफ निर्देश दिए हैं और इस आदेश के आने के बाद भी सरकार द्वारा सौ से अधिक माइनिंग प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दिए जाने की बात सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश और पर्यावरण...

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कम मुआवजा देना अनुचित: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हजारों भूमि मालिकों के हितों के लिहाज से लाभदायक आदेश में व्यवस्था दी है कि सरकार उन्हें महज यह कहकर कम मुआवजा नहीं दे सकती कि अधिगृहीत की जा रही जमीन के विकास की कोई संभावना नहीं है। शीर्ष कोर्ट ने यह फैसला गोवा सरकार की अपील खारिज करते हुए दिया। इस अपील में राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।...

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महू की सारी जमीन केंद्र की नहीं

इंदौर-जबलपुर. मप्र हाई कोर्ट जबलपुर के फैसले से महू की जनता को राहत मिल गई है। चीफ जस्टिस ए.के. पटनायक व जस्टिस के.के. लाहोटी की युगल पीठ ने अपने फैसले में महू की सारी जमीन केंद्र की नहीं मानी। होलकर स्टेट या मध्यभारत राज्य द्वारा रक्षा के उद्देश्य से मिल्रिटी को जितनी जमीन दी गई, संविधान लागू होने के बाद से कानूनन उतनी ही जमीन केंद्र की हो सकती है...

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भोजन का अधिकार

 खास बात · खाद्य सुरक्षा विधेयक में कहा गया है कि देश के ग्रामीण क्षेत्र के 75 फीसदी और शहरी क्षेत्र के 50 फीसदी लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इस आबादी का वर्गीकरण दो कोटिय़ों- प्राथमिक(priority) और सामान्य(general)- के रुप में किया जाएगा।  ग्रामीण क्षेत्र से 46 फीसदी लोगों को प्राथमिक वर्ग में रखा जाएगा जबकि शहरी क्षेत्र से 28 फीसदी लोगों को। बाकी जन दोनों ही क्षेत्रों में सामान्य वर्ग में माने जायेंगे। विधेयक के...

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न्याय:कितना दूर-कितना पास

  खास बात  • साल २००९ के अप्रैल महीने तक सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मुकदमों की संख्या ५०१४८ थी। केसों के निपटारे की गति बढ़ी है मगर शिकायतों के आने की गति और जजों की संख्या केसों के आने की गति की तुलना में अपर्याप्त साबित हो रही है।*  • दो साल पहले यानी साल २००७ के जनवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट में लंबित केसों की संख्या ३९७८० थी। सुप्रीम कोर्ट लंबित केसों के निपटारे में तेजी लाने असहाय महसूस...

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