SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 3035

छत्तीसगढ़- स्कूलों में अब प्लेसमेंट एजेंसियों से होगी शिक्षकों की भर्ती

सुरेश देवांगन, कोरबा। शिक्षा विभाग अब स्कूलों में शिक्षकों की सीधी भर्ती नहीं करेगा, इसकी जिम्मेदारी प्लेसमेंट एजेंसी को दे दी है। हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती अब आउटसोर्सिंग से की जाएगी। जिन स्कूलों में शिक्षक की कमी है, वहां भर्ती प्रक्रिया का दायित्व प्लेसमेंट एजेंसी को देने के लिए निविदा मंगाई गई थी। कोरबा सहित 11 जिलों में प्लेसमेंट कंपनी नियुक्त करने के लिए निविदा खोली...

More »

बिहार : उपभोक्ताओं को न्याय पाने में करना पड़ रहा वर्षों इंतजार

पटना : उपभोक्ताओं को हक के लिए कानून तो बनाये गये हैं, लेकिन न्याय मिलने की पहुंच अब भी दूर है. उपभोक्ताओं को न्याय के लिए सालों इंतजार करना पड़ता है. उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज शिकायत के मामले में 90 दिनों में न्याय मिलने का प्रावधान है, पर निर्धारित अवधि में कोरम भी पूरा नहीं हो पाता है. शायद ही कोई ऐसा केस है जिसकी निर्धारित अवधि में सुनवाई हो जाती...

More »

नकदी के जरिये कुपोषण से लड़ाई--- आलोक कुमार

हाल ही में प्रकाशित राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकडे़ हमारा उत्साह नहीं बढ़ाते, खासकर तब, जब हम इनको भारत की आर्थिक प्रगति के परिप्रेक्ष्य में देखते हैं। भारत में प्रत्येक तीसरा शिशु कुपोषित है और मातृत्व-काल की हरेक दूसरी महिला अनीमिया से ग्रसित है। और ऐसा तब है, जब हम कुपोषण से सभी मोर्चों पर लड़ रहे हैं- स्वास्थ्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जरिये, स्वच्छता के...

More »

यूपी- प्रदेश के 1.95 करोड़ लोग किसी न किसी तरह की मानसिक बीमारी के शिकार

बड़े-बड़े सपने लेकर जिंदगी की शुरुआत करने वाले युवा जब हकीकत की बेरहम जमीन पर खुद को असुरक्षित महसूस करता है तो उसके अंदर हताशा घर करने लगती है। हताशा की ऐसी ही कई स्वनिर्मित वजहों के चलते प्रदेश में बड़ी संख्या में युवा हताशा की प्रवृत्ति का शिकार हो रहे हैं। यह हताशा उन्हें नशे की लत में धकेलने से लेकर जिंदगी से मोहभंग तक खींच ले जा रही...

More »

विफलता के बड़े मोर्चे-- भारत डोगरा

विश्व इतिहास में समानता और न्याय के मुद््दे सबसे महत्त्वपूर्ण रहे हैं। ये आज भी बहुत महत्त्वपूर्ण हैं, पर इक्कीसवीं शताब्दी आते-आते कुछ ऐसे मुद््दे भी इसमें जुड़ गए हैं जो धरती पर जीवन के अस्तित्व को लेकर हैं। इनमें मुख्य हैं जलवायु बदलाव जैसे पर्यावरण के गंभीर संकट तथा महाविनाशक हथियारों से जुड़े खतरे। अब एक बड़ी चुनौती यह है कि जीवन के अस्तित्व को संकट में डालने वाले...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close