यह तो खैर पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि संसद का मानसून सत्र न केवल हंगामाखेज रहेगा, बल्कि वह पूरी तरह से 'धुल" भी सकता है। अब जब ऐसा वस्तुत: होता नजर आ रहा है तो यह किसी के लिए भी अप्रत्याशित नहीं है। सवाल यही था कि क्या इसके बाद मोदी सरकार अपनी नीतियों में बुनियादी बदलाव लाने को मजबूर होगी। संसद में विधायी कार्य ठप...
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भेदभाव का यंत्र नहीं मोबाइल- नीलांजन मुखोपाध्याय
करीब बीस वर्ष पहले की बात है। तब के केंद्रीय संचार मंत्री ने पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु को हाथ से पकड़ने वाले एक यंत्र से फोन किया। बसु ने कलकत्ता (अब कोलकाता) में उसी तरह से हाथ में पकड़ने वाले यंत्र से संचार मंत्री की बातें सुनीं। आखिर इस बातचीत में खास क्या था? असल में, दोनों व्यक्ति जिस यंत्र से बात कर रहे थे, वह न...
More »शिक्षा को 'व्यापार' बनाने के खतरे - हरि जयसिंह
कहा जाता है कि विकास केवल स्वतंत्र और पारदर्शी माहौल में ही संभव है। शैक्षिक और अकादमिक जगत के लिए भी यह सच है। शैक्षिक जगत में स्वतंत्रता और पारदर्शिता को केवल तभी कायम रखा जा सकता है, जब महत्वपूर्ण पदों पर चयन और नियुक्तियों में केवल और केवल योग्यता का खयाल रखा जाए और किसी तरह का कोई पक्षपात न किया जाए। वास्तव में गुणवत्ता के मानदंड शैक्षिक प्रक्रिया...
More »सरकार अब गांवों के लिए लाएगी हाउसिंग फॉर ऑल स्कीम,
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून को हाउसिंग फॉर ऑल (अर्बन) मिशन लांच किया था। अब जल्द ही सरकार हाउसिंग फॉर ऑल ( रूरल) स्कीम लाने की तैयारी कर रही है। इस स्कीम के तहत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में कालोनियों की तरह नियोजित विकास करेगी और लोगों को पक्के मकान उपलब्ध कराए जाएंगे। इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में आवास की कमी को दूर करने के साथ साथ शहरों...
More »देश को सीटीओ की दरकार- राजीव चंद्रशेखर
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम लोगों को सशक्त बनाएगा और वास्तव में भारत को बदल डालेगा। मौजूदा केंद्र सरकार ने 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' का जो वायदा किया है, उसे साकार करने में यह प्रमुख भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'न्यूनतम सरकार' की परिभाषा में एक ऐसे सरकार की परिकल्पना है, जिसमें मंजूरी की आवश्यकता न्यूनतम हो और नागरिकों के साथ उसका निरंतर संवाद हो। इसी तरह से 'अधिकतम...
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