बुजुर्ग समाजवादी चिंतक सच्चिदानंद सिन्हा के लेख व भाषण हम समय-समय पर छापते रहते हैं, जिनमें वह बार-बार चिह्न्ति करते हैं कि पर्यावरण और प्रकृति के विनाश के लिए अगर कोई जिम्मेदार है, तो वो है औद्योगीकरण और उपभोग आधारित अर्थव्यवस्था. और अगर इनसान नहीं चेता, तो इसी की वजह एक दिन वह खुद भी नष्ट हो जायेगा. एक और क्षेत्र उनकी चिंता में स्थायी रूप से रहता है कि अब...
More »SEARCH RESULT
बिहार में दस में से छह शिक्षक पढ़ाने के काबिल नहीं
पटना : बिहार के स्कूलों में पढ़ाने वाले नियमित शिक्षकों में करीब 57 फीसदी के पास पेशेवर योग्यता नहीं है जबकि अनुबंध वाले ऐसे शिक्षकों की संख्या 58 फीसदी है. इसका अर्थ है कि दस में करीब छह शिक्षक पेशेवर तौर पर पढ़ाने के काबिल नहीं हैं. राज्य में प्राइमरी, अपर प्राइमरी सहित अन्य सभी तरह के स्कूलों में शिक्षकों की तादाद 4 लाख 20 हजार 912 है. इनमें से...
More »समझना होगा सफाई का फलसफा - गोपालकृष्ण गांधी
मैं हमारे प्रधानमंत्री की 'स्वच्छ भारत" योजना का हृदयज समर्थक हूं, उसका स्वागत करता हूं। पिछले 15 अगस्त के लाल किले के भाषण में उन्होंने सफाई पर जो जोर दिया, वह मुझे बहुत अच्छा लगा। पहले कभी-कभार सफाई के बारे में उच्च नेता कुछ कहते थे, लेकिन सफाई का विषय? वह एनजीओ के लायक माना जाता था, नगरपालिकाओं के स्तर का। सड़कों पर, गलियों-कूचों पर, गांव और शहरों में सफाई...
More »अब 12वीं पास व्यक्ति ही उपभोक्ताओं को बांट सकेगा राशन
मुरैना। अभी तक पीडीएस की दुकान पर कोई भी सेल्समैन उपभोक्ताओं को राशन देता था। नए नियमों में अब सेल्समैन की योग्यता तय कर दी गई है। अब कम से कम 12वीं पास व्यक्ति ही दुकान पर सेल्समैन के रूप में तैनात किया जाएगा, जो उपभोक्ताओं को राशन देगा। इसके अलावा पीडीएस की दुकानों का कुछ प्रतिशत अब महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। ये नए नियम खाद्य आपूर्ति...
More »भारत से हाेने वाले फलों व सब्जियों के निर्यात में आई 14 फीसदी गिरावट
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2014-15 के पहले 10 महीने में कई देशों के प्रतिबंधों के कारण भारतीय फलों और सब्जियों के निर्यात में 14.02 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। यूरोपीय संघ ने पिछले वर्ष 01 मई को भारतीय आमों तथा चार सब्जियों - टैरो पौधा (अरबी प्रजाति की अन्य सब्जियां), बैंगन, चिचंडा और करेला मे कीटनाशक तत्व पाए जाने के कारण इन्हें अस्थायी तौर पर प्रतिबंधित कर दिया था।...
More »