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‘‘अविरल धारा के नाम पर धर्माचार्य गंगा को शौचालय बनाये रखना चाहते हैं’

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग के अध्यापक और सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख रह चुके वीरभद्र मिश्र देश-दुनिया में प्रमुख गंगासेवी के रूप में जाने जाते हैं. गंगा की सफाई के लिए किए गए कार्यों से प्रभावित हो कर साल 2009 में अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने इन्हें “हीरो ऑफ द प्लैनेट” घोषित किया. वर्तमान में वीरभद्र चौधरी तुलसीदास द्वारा स्थापित संकटमोचन हनुमान मंदिर, वाराणसी...

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सात समंदर पार से वापस आए छोरे ने कर दिखाया यह कमाल!- यास्मीन सिद्दिकी

जयपुर.अंधेरे में डूबे रहने वाले टोंक जिले के टोडारसिंह मंडल गांव और उसके आसपास की ढाणियों के लिए सरकार जो काम नहीं कर पाई, वह सात समंदर पार से आए एक युवक ने कर दिखाया। अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग करने वाले जयपुर के युवक यशराज खेतान सोलर पैनल के जरिये इन गांव-ढाणियों को रोशन कर रहे हैं। बिजली वितरण के लिए वे अपने साथ...

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हथियारों के ‘जखीरे’ पर खडी है दुनिया

नई दिल्ली : अफ्रीका से लेकर एशिया तक हर तरफ मची हिंसा में छोटे हथियारों का अत्यधिक इस्तेमाल हो रहा है और विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि राजनीतिक अस्थिरता तथा कानून व्यवस्था की स्थिति को सुधारा नहीं गया तो आने वाले समय में स्थिति और विकट हो जायेगी. - विश्व में 87 करोड़ 50 लाख छोटे हथियार दुनियाभर में कितने छोटे हथियार हैं इसका कोई ठीक ठीक आंकडा नहीं है लेकिन संयुक्त राष्ट्र...

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कितना सुधार पाएंगे मनमोहन- परंजय गुहा ठाकुरता

देश के एक बड़े तबके, खासकर उद्योग जगत, को यह लगने लगा है कि मनमोहन सिंह द्वारा वित्त मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद आर्थिक सुधारों की गति में तेजी आएगी। अटके हुए अनेक प्रस्तावों को हरी झंडी मिल जाएगी। कहा यह भी जा रहा है कि मनमोहन सिंह ही भारतीय अर्थव्यवस्था के तारणहार साबित होंगे। पर यह बेहद चुनौतीपूर्ण काम है। अर्थव्यवस्था और राजनीति से जुड़े सारे नीतिगत फैसले...

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सिंगरौली में संघर्ष जारी है- पुण्य प्रसून वाजपेयी

जनसत्ता 25 मई, 2012: यह रास्ता जंगल की तरफ जाता जरूर है, लेकिन जंगल का मतलब वहां सिर्फ जानवरों का निवास नहीं होता। जानवर तो आपके आधुनिक शहर में हैं, जहां ताकत का अहसास होता है। जो ताकतवर है उसके सामने समूची व्यवस्था नतमस्तक है। लेकिन जंगल में तो ऐसा नहीं है। यहां जीने का अहसास है। सामूहिक संघर्ष है। एक दूसरे के मुश्किल हालात को समझने का संयम है। फिर न्याय से लेकर...

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