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जान बचाने के लिए सिर्फ 4 घंटे

कोटा. शहर में बाढ़ आ जाए अथवा बैराज से अधिक मात्रा में पानी छोड़ना पड़े तो चंबल की डाउन स्ट्रीम में बने 15 हजार मकानों में बसे करीब 75 हजार लोगों के सामने संकट आ जाएगा। जब यह मकान बने तब किसी ने आपत्ति नहीं जताई लेकिन, 4 साल पहले बनी जल प्लावन की स्थिति के बाद प्रशासन सचेत हुआ, लेकिन अभी तक यह चेतना केवल सर्वे करवाने तक ही...

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पानी के लिए कोई नहीं पानी-पानी

पटना पानी चीज ही अजीब है। पानी चढ़ता है, उतरता है..पानी जमता है। टंकी पर चढ़ने वाला पानी कभी सिर पर भी चढ़ जाता है। पानी से आदमी पानी-पानी भी होता है। लेकिन सूबे में जल संचयन के लिए बने कानून को लागू करने में प्रशासन खुद पानी-पानी है। यही वजह है कि अब तक सख्ती से यह लागू नहीं हो सका है और भूजल-वाटर रिचार्ज...

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50 हजार खेतिहर महिला मजदूरों को मिलेगी निशुल्क बरसाती

रायपुर। छत्तीसगढ़ की रमन सरकार ने राज्य की 50 हजार खेतिहर मजदूरों को मुफ्त में बरसाती देने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मंगलवार शाम रायपुर के कृषि महाविद्यालय सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में छत्ताीसगढ़ की 50 हजार खेतिहर मजदूर महिलाओं को चालू खरीफ मौसम से ही नि:शुल्क बरसातियां देने की योजना का शुभारंभ किया। अधिकारियों ने बताया कि...

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बिहार में किसान बेजार

बारिश की बेरुखी ने बिहार के किसानों को बेजार कर दिया है। इसकी वजह से राज्य में अब तक सिर्फ 40 फीसदी खेतों में ही रोपनी हुई है। बारिश के इंतजार में आसमान की ओर टकटकी लगाए किसान अब मध्यम और छोटी अवधि वाली फसलों को खेती करने की तैयारी कर रहे हैं। गया के किसान रामचंद्र सिंह बताते हैं, 'आर्द्र नक्षत्र शुरू हो गया है, लेकिन कहीं बारिश का नामोनिशान तक...

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विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें

जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...

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