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जेएनयू हिंसा: नए-नए दुश्मन की तलाश में सर्वनाशी सियासत

जेएनयू में हुई विस्मयकारी हिंसा से आपको यह आसान बात समझा आ जानी चाहिए कि भारत एक ऐसी सत्ता द्वारा शासित हो रहा है जिसके होने का एकमात्र कारण विरोध का ज़रिया ढूंढ़ना और उसे क्रूरता से कुचलना है. कायर ठगों का भारत के सबसे प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक में इस तरह घूमना, शिक्षकों और विद्यार्थियों का सर फोड़ देना, जेएनयू प्रशासन द्वारा मामूली हाथापाई बताकर दरकिनार करने वाली...

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भारत बंदः ट्रेड यूनियन क्यों कर रहे हैं आज हड़ताल?

केंद्र सरकार की 'श्रमिक विरोधी नीतियों' के खिलाफ़ बुधवार को मजदूर यूनियनों ने देशव्यापी बंद का ऐलान किया है. दावा है कि हड़ताल में करीब 25 करोड़ लोग हिस्सा लेंगे. मजदूर यूनियनों का आरोप है कि सरकार श्रम कानून में बदलाव करके उनके अधिकारों का हनन कर रही है और लेबर कोड के नाम पर मौजूदा व्यवस्था को पूरी तरह ख़त्म किया जा रहा है. ट्रेड यूनियनों की प्रमुख मांगों में बेरोजगारी,...

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झाबुआ के हलमा को गहराई से देखने की कोशिश कीजिए, वर्ल्ड बैंक उथला नज़र आएगा

वह भीषण गर्मी का महीना था, साल 1998, तारीख थी 11 मई, उस दिन पोखरण में ‘बुद्ध मुस्कराए’ थे. इस मुस्कुराहट का स्वाभाविक परिणाम यह हुआ कि दुनिया के तमाम ताकतवर देश मुस्कराना भूल गए. आनन-फानन में कई प्रतिबंध भारत पर लगा दिए गए. अमेरिकी दबाव इस कदर था कि भारत के पुराने दोस्त रूस ने भी हमें क्रायोजनिक इंजन देने से मना कर दिया. उस समय भारत के प्रधानमंत्री...

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देश में नया श्रम कानून लागू, मगर मजदूरों के हाथ खाली

"नये श्रम कानून में सरकार अगर देश में मजदूरों की 178 रुपए कम से कम मजदूरी तय कर रही है, तो सीमेंट की बोरी ढोने वाले हम जैसे मजदूरों को दिन भर काम के बाद 250 रुपए मजदूरी मिलती है, अब आप बताइये इतनी महंगाई में 250 रुपए दिहाड़ी पर घर चलता है क्या?, तो 178 रुपए पर क्या कहेंगे," यह कहना है मजदूर दल्ला मीना का, जो राजस्थान के...

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जंगलों की बढ़ोत्तरी के सरकारी आंकड़े तो अच्छे हैं लेकिन उन पर उठ रहे कई सवालों का क्या?

साल का अंत होते-होते मोदी सरकार ने “इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट – 2019” रिलीज़ कर दी. यह बताती है कि देश के कुल फॉरेस्ट (जंगल) और ट्री कवर (वृक्षारोपण) को मिलाकर देश की हरियाली में 5,188 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोत्तरी हुई है. यह रिपोर्ट फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफएसआई) ने तैयार की है जो हर दो साल में जारी की जाती है. इसमें फॉरेस्ट सर्वे ने हरियाली की इस...

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