सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। आगामी आम बजट में सरकार छोटे व सीमांत किसानों को साधने की कोशिश करेगी। इसके लिए गांवों की 22 हजार से अधिक हाट व छोटी खुदरा मंडियों को विकसित करने का प्रस्ताव है। इससे छोटे किसानों को अपनी उपज बेचने की सुविधा गांव में ही उपलब्ध हो जाएगी। देश में फिलहाल साढ़े सात हजार थोक मंडियां ही नियमित रूप से संचालित हो रही हैं। राष्ट्रीय स्तर...
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राजनीतिक शक्ति बनें किसान-- राजकुमार सिंह
अगर किसी कृषि प्रधान देश में कृषि और किसान ही संकट में आ जायें तो देश की दशा-दिशा का अंदाजा लगा पाना मुश्किल नहीं होना चाहिए। भारत एक कृषि प्रधान देश है, यह बात दशकों से पाठ्य पुस्तकों में पढ़ायी जाती रही है, क्योंकि लगभग 80 प्रतिशत तक आबादी जीवनयापन के लिए कृषि और उससे जुड़े काम-धंधों पर निर्भर रही है। इसलिए ग्रामीण भारत को ही असली भारत भी कहा...
More »ट्रेनें लेट हुईं तो रेलवे की भरी तिजोरी, 9 माह में 18 करोड़ कमाई
रायपुर। रायपुर रेलवे मंडल ने अप्रैल 2017 से अब तक मात्र 9 महीने में सिर्फ टिकट निरस्त होने से 18 करोड़ रुपए अपनी तिजोरी में भर लिए। ट्रेन लेट होने या अन्य कारण से यात्री अपना टिकट रद कर देते हैं। ऐसा होने पर रेलवे नियम के अनुसार कुछ रकम काट लेती है। बीते साल में मेगा ब्लॉक अधिक बार रहा और इसके चलते ट्रेनें घंटों विलंब चलीं। इसी का नतीजा...
More »अवसाद की फैलती विषबेल-- मनीषा सिंह
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2015 में एक रिपोर्ट जारी करके दुनिया को चेताया था कि डिप्रेशन यानी अवसाद दुनिया की सबसे बड़ी मानसिक बीमारी बनने जा रहा है। अकसर ऐसी स्वास्थ्य-रिपोर्टों और चेतावनियों पर हमारी नजर नहीं जाती, या वक्त के साथ हम उन्हें भूल जाते हैं, पर इनसे जुड़े हादसे साबित करते हैं कि इन चेतावनियों को याद रखना कितना जरूरी है। जैसे, दिल्ली के नजदीक हरियाणा के...
More »बाल मजदूरी की जड़ें--- देवेन्द्र जोशी
भारत में बालश्रम एक समस्या तो है लेकिन विडंबना यह है कि यहां पहले से ही यह मान कर चला जाता है कि बच्चे इसलिए मजदूरी करते हैं कि इससे उनके परिवार का खर्च चलता है। यह तर्क अपने आप में इसलिए छलावा है कि इसको सच मान लेने का मतलब तो यह होगा कि सबसे गरीब परिवार के प्रत्येक बच्चे को स्कूल की पढ़ाई छोड़ कर काम पर लग...
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