एक एनजीओ द्वारा बनाए गया कुकर बैग जलवायु परिवर्तन से लड़ने में हमारी सहायता कर सकता है? कई कैमरून गृहणियां इस सोच के साथ अपनी पसंद के चावल टमाटर जैसे लजीज पकवान इस कुकर के जरिए पका रहीं हैं। बैग जैसे आकार दिखने वाला यह कुकर देखने में कलरफुल होता है। इसके काम करने का बहुत ही बाहत सरल तरीका है, जिसे पॉलीस्टीरीन और कपड़े से बनाया गया है। इस...
More »SEARCH RESULT
पानी के लिए रोज बलात्कार का जोखिम उठाती हैं करीब दो करोड़ महिलाएं
अफ्रीका में रोज कम से कम एक करोड़ 70 लाख महिलाएं व लड़कियां बलात्कार, बीमारी और स्कूल छूटने के जोखिम के साथ पानी भरने जाती हैं। बुधवार को छपे एक शोध में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। शोधकर्ताओं का दावा है कि अफ्रीका में जल संग्रह करने वाली महिलाओं और बच्चों की संख्या पर किया गया यह पहला शोध है। वर्ल्ड बैंक, यूनिसेफ और यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट...
More »सर्वे रिपोर्ट में खुलासा- कैब चालक और गार्ड जैसे रोजगारों में बढ़ रही महिलाओं की दिलचस्पी
महानगरों में बड़ी संख्या में महिलाएं अब कैब चालक, सिक्योरिटी गार्ड और डिलीवरी एग्जीक्यूटिव जैसे गैर परंपरागत रोजगारों के लिए आवेदन कर रही हैं और इसका कारण आकर्षक वेतन तथा मांग और आपूर्ति में अंतर है। यह दावा एक सर्वे की रिपोर्ट में किया गया है। बाबाजॉब के सह संस्थापक और सीईओ वीर कश्यप ने बताया ‘बात चाहे उपभोक्ताओं की हो या रोजगार के इच्छुक लोगों की.... गैर परंपरागत रोजगार...
More »झारखंड-- सभी का दो लाख तक का हेल्थ बीमा
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने घोषणा की है कि गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए सरकार राज्य के लोगों का दो लाख रुपये का बीमा करायेगी. सामान्य बीमारियों के लिए 50 हजार रुपये का बीमा होगा. राज्य की 80 प्रतिशत अाबादी को मुफ्त में इस बीमा योजना में शामिल किया जायेगा. शेष 20 प्रतिशत सक्षम लोगों को कम प्रीमियम पर यह सुविधा मिलेगी. मुख्यमंत्री सोमवार को नामकुम स्थित आरसीएच...
More »डॉक्टर ने बदली तीन सौ गांवों की तस्वीर
भारतीय रेलवे के कर्मचारी देवराव कोल्हे के पुत्र रवींद्र नागपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे थे। हर किसी को उनके डॉक्टर बनकर अपने गांव शेगाव लौटने का इंतजार था, लेकिन किसे मालूम था कि शहर में अच्छी प्रैक्टिस शुरू करने की बजाय रवींद्र एकदम उल्टी दिशा ही पकड़ लेंगे। वे महात्मा गांधी और विनोबा भावे की किताबों से बहुत प्रभावित थे। पढ़ाई पूरे होते-होते वे निश्चय कर चुके थे कि...
More »