नृत्त्वशास्त्र की अध्येता जॉन पी मेंशे से की गई यह भेटवार्ता फ्रंटलाइन से साभार ली गई है। प्रोफेसर जोन पी मेंशे नृत्तत्वशास्त्र की अध्येता हैं। उन्होंने बरसों तक सिटी यूनिवर्सिटी ऑव न्यूयार्क के ग्रेजुएट सेंटर और इसी यूनिवर्सिटी के लेहमान कॉलेज में अपने विषय का अध्यापन किया है। प्रोफेसर मोंशे सेकेंड चांस फाऊंडेशन नामक एक नॉट फॉर प्राफिट संस्था की अध्यक्ष भी हैं। यह संस्था भारत और संयुक्त राज्य...
More »SEARCH RESULT
ग्लोबल वार्मिंग की एक रिपोर्ट पर विचारों का महाभारत
यूएनएफपीए की एक रिपोर्ट द स्टेट ऑव वर्ल्ड पॉपुलेशन 2009 के जारी होने के साथ ग्लोबल वार्मिंग के मुद्दे पर विचारों की टकराहट अपने चरम पर जा पहुंची है(रिपोर्ट की लिंक नीचे दी गई है) केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने इस रिपोर्ट को नई दिल्ली में जारी किया। वे इस बात से सहमत दिखे कि जलवायु परिवर्तन का बोझ महिलाओं पर पुरूषों की तुलना में कहीं ज्यादा पड़ेगा...
More »तब तो स्वावलंबी हो जाएंगे ग्राम
देहरादून। सूबाई सरकार की अटल आदर्श ग्राम योजना की परिकल्पना यदि साकार हुई तो उत्तराखंड के ये गांव स्वावलंबी हो जाएंगे। पहले चरण में न्याय पंचायत मुख्यालय के 670 गांवों को 31 मार्च 2011 तक संतृप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस अटल आदर्श ग्राम योजना के अंगर्तत चयनित गांव में प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी, एएनएम केंद्र, विद्युतीकरण, निर्बल वर्ग आवास, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता कार्यक्रम, सड़क मार्ग, बालिका माध्यमिक...
More »नौ शहरों में पीपीपी मॉडल पर कचरा प्रबंधन की तैयारी
लखनऊ। प्रदेश के नौ शहरों को पॉलीथीन में कूड़ा भरकर उसे सड़क पर फेंकने से अब निजात मिल सकेगी। शीघ्र ही इन शहरों में निजी-सरकारी सहभागिता (पीपीपी) मॉडल के आधार पर 'इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट' की कवायद शुरू होने जा रही है। इसके तहत एक निजी संस्था लोगों के घरों से कूड़ा इकट्ठा करके उसे वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित करेगी। इस प्रक्रिया के दौरान जैविक कचरे से कम्पोस्ट खाद और...
More »कितनी जायज मदद की मांग
देश की दवा कंपनियों के एक बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था इंडियन फार्मास्युटिकल्स एलायंस ने असामान्य कदम के तहत सरकार से उद्योग को सहायता देने की मांग की है। उद्योग इस समय भारतीय कंपनियों के विदेशी अधिग्रहण से जूझ रहा है। इनमें से कोई भी अधिग्रहण जबरन नहीं है। तो ऐसे में सरकार कहां से आती है, खासकर तब जबकि सुरक्षा कोई मुद्दा नहीं है? यह भी साफ...
More »