लॉर्ड मेघनाद देसाई भारतीय मूल के ब्रिटिश अर्थशास्त्री और लेबर पार्टी से जुड़े राजनीतिज्ञ हैं. वह अर्थशास्त्र के विश्वविख्यात संस्थान, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर रह चुके हैं. उन्होंने कई किताबें लिखी हैं. उनके 200 से ज्यादा लेख अकादमिक जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं. वह कई भारतीय व ब्रिटिश अखबारों के लिए नियमित स्तंभ लिखते हैं. 5 सितंबर 2014 को उन्होंने पटना स्थित एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) में...
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किसान पंजीयन के बाद तय होगा धान खरीद का लक्ष्य
रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस साल अब तक हुई अनुकूल बारिश के बीच धान की फसल लहलहा रही है। किसान अच्छी फसल होने की उम्मीद बांधे हुए हैं, लेकिन राज्य में अब तक इस साल की धान खरीद का लक्ष्य तय नहीं हो सका है। वजह यह है कि सरकार ने राज्य में धान उत्पादक किसानों का पंजीयन शुरू किया है, पंजीयन का काम पूरा होने के बाद ही लक्ष्य तय...
More »भारत में भूखों की संख्या घटी, पाक में बढ़ी
नयी दिल्ली : भूख की मार झेल रहे लोगों की संख्या भारत में 9.5 प्रतिशत घट कर 19.07 करोड़ पर आ गयी, जो दो दशक पहले 21.08 करोड़ थी. वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान में ऐसे लोगों की संख्या इस अवधि में 38 प्रतिशत तक बढ़ गयी है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. हालांकि दक्षिण एशिया में सबसे अधिक भूखे लोगों के मामले में भारत (19.07 करोड)...
More »खादी उद्योग की 300 ईकाइयों की उत्पादन क्षमता बढ़ाएगी सरकार
केंद्र सरकार और एशिया विकास बैंक के बीच 15 करोड़ डॉलर के एक समझौते के अनुसार ग्रामीण स्तर पर स्व रोजगार को बढावा देने के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग खादी क्षेत्र में सुधार का कार्यक्रम शुरू किया गया है। जिसमें खादी उद्योग की 300 ईकाइयों की उत्पादन क्षमता बढाई जाएगीं। खादी को प्रोत्सहान देने और बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में 25 फीसदी और...
More »राहत सामग्री के लिए दर-दर भटक रहे बाढ़ पीड़ित
रीनगर : बाढ़ प्रभावित कश्मीर में राहत सामग्री के लिए लोगों को दर-दर भटकना पड़ रहा है. बताया जा रहा ळै कि वितरण में अव्यवस्था के कारण भीषण प्राकृतिक आपदा से परेशान लोग राहत सामग्री हासिल करने के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें कहीं कुछ नहीं मिल पा रहा है. विभिन्न राहत शिविरों में अधिकारी बाढ़ पीड़ितों को खाद्य सामग्री लेने के लिए नजदीकी थाने में भेज रहे हैं...
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