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चार साल बाद सर्वोच्च न्यायालय में महिला न्यायमूर्ति

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश के सर्वोच्च न्यायालय को चार साल बाद महिला न्यायाधीश मिल रही हैं। न्यायमूर्ति रूमा पाल की जून 2006 में सेवानिवृत्ति के बाद शुक्रवार को न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेने जा रही हैं। मिश्रा के अलावा न्यायमूर्ति एच.एल. गोखले तथा न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे भी सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेंगे। मुख्य न्यायाधीश के.जी. बालाकृष्णन तीनों न्यायाधीशों को शपथ दिलाएंगे। न्यायमूर्ति...

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संसाधन होने के बाद भी राज्य का विकास नहीं

हजारीबाग  भारत में 1954 से मिट्टी सर्वेक्षण के लिए यूनिट कार्य कर रही है. यहां अनेकों वैज्ञानिक मिट्टी से संबंधित सर्वे करते हैं, लेकिन उसका परिणाम किसानों तक नहीं पहुंचता है. उक्त बातें अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ अली मोहम्मद ने स्थानीय उपकार होटल में प्रेसवार्ता में कही. डॉ अली विनोबा भावे विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने के लिए आये हुए हैं. डॉ राधाकृष्ण सेमिनार हॉल में 26 अप्रैल को...

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आर्सेलर मित्तल की राह नहीं चलेगी टाटा स्टील

कोलकाता : देश में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी इस्पात उत्पादक कंपनी टाटा स्टील दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी आर्सेलर मित्तल की राह नहीं चलते हुए अपना गढ़ कहे जाने वाले राज्य झारखंड में अपने नये संयंत्र के प्रस्तावित परियोजना स्थल में बदलाव नहीं करेगी. कंपनी के प्रबंध निदेशक एचएम नेरूरकर ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि झारखंड के सरायकेला-खरसांवा जिले के टेंटोपोसी में प्रस्तावित हमारी परियोजना...

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झारखंड में 99 % परिवारों को नहीं मिलता पाइप से पानी

नयी दिल्ली : झारखंड के ग्रामीण इलाकों में 99 प्रतिशत परिवारों को पाइप से पानी नहीं मिलता है. मात्र एक प्रतिशत से भी कम परिवारों को ही पाइप द्वारा जलापूर्ति की जाती है. ग्रामीण विकास राज्य मंत्री अगाथा संगमा ने आज राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि वर्ष 2005-06 में करवाये गये राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-तीन के अनुसार राज्य के एक प्रतिशत से भी कम परिवारों को पाइप द्वारा जलापूर्ति की जाती...

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नदियां बन गयीं नाला कैसे रुकेगा पानी

रांची : कंकरीट का बढ़ता जंगल जीवन देनेवाले जलस्रोतों को नुकसान पहुंचा रहा है. प्राकृतिक जल चक्र पूरा नहीं हो पा रहा है. बादल नहीं बन रहे हैं. नदियों का प्रवाह रुक गया है. अधिकतर नदियों ने बरसाती नालों का प ले लिया है. नदियों के किनारों पर कभी दिखाई देनेवाली हरियाली गायब हो गयी है. आलम यह है कि नदियों के आसपास के क्षेत्रों में भी भूमिगत जलस्रोत पाताल तक पहुंच गये हैं. कई...

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