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जीएसटी की कसौटी पर- पार्थ उपाध्याय

संसद का सत्र लोक-अपेक्षाओं को पूर्ण करने का एक मंच होता है। संवैधानिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए ही सरकार संविधान में संशोधन, परिवर्धन और परिवर्तन करती है। विपक्ष भी जन-आकांक्षाओं पर सरकार को काम करने के लिए बाध्य करने का एक माध्यम है। पर कांग्रेस की हठधर्मिता के कारण विपक्ष की यह भूमिका फिलहाल कमजोर हुई दिखती है। लगभग सत्रह हजार नागरिकों ने अपने हस्ताक्षरों के साथ अपील जारी की...

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हादसों की रफ्तार बनाम सुरक्षा की पटरी- प्रमोद भार्गव

भारतीय रेल परिवहन तंत्र विश्व का सबसे बड़ा व्यावसायिक प्रतिष्ठान है, पर विडंबना है कि यह किसी भी स्तर पर विश्वस्तरीय मानकों को पूरा नहीं करता। हां, इसे विश्वस्तरीय बनाने का दम जरूर सरकारें लंबे समय से भरती रही हैं। हर बजट में रेल परिवहन को विश्व मानकों के अनुरूप बनाने की बढ़-चढ़ कर घोषणाएं होती हैं, लेकिन उन पर जमीनी अमल दिखाई नहीं देता। जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी...

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हरियाणाः मानेसर फैक्टरी में रोबोट ने किया इंसान का कत्ल

गुड़गांव। कुछ दिनों पहले जर्मनी से एक खबर आई थी कि वहां एक रोबोट ने एक कर्मचारी को मार डाला है। कुछ इसी तरह की घटना बुधवार को हरियाणा के मानेसर स्थित एक फैक्टरी में सामने आई है। यहां के एक कारखाने में काम करने वाले कर्मचारी की मौत मशीन के रोबोटिक आर्म द्वारा वेल्डिंग में इस्तेमाल होने वाली छड़ें घुसा दिए जाने के कारण हो गई। बताया जा रहा है...

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25 हजार किसानों ने राष्ट्रपति से मांगी आत्महत्या की अनुमति

मथुरा के करीब 25 हजार किसानों ने 15 अगस्त के दिन सामुहिक रुप से आत्महत्या करने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अनुमति मांगी है। 17 साल बित जाने के बाद भी सरकार की तरफ से कोई मुआवजा नहीं मिलने की वजह से किसानों ने यह फैसला किया है। गोकुल बैराज के निर्माण के बाद उसके परीक्षण के लिए किसानों के अनुमति के बिना बैराज के दरवाजे बंद कर दिए गए...

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काम नहीं तो सांसदों को कैसा वेतन-भत्ता? - कुलदीप नैयर

करीब 12 साल पहले मैं राज्यसभा का सदस्य था। किसी न किसी मुद्दे को लेकर सदन के कामकाज में बाधा पैदा की जाती थी। छह साल के अपने कार्यकाल में मैंने देखा कि कांग्रेस और भाजपा, दोनों इसके लिए एक-दूसरे से होड़ लेती रहती थीं। उनके जोश या तरीके में कोई अंतर नहीं था। कई बार वे एक-दूसरे से आगे निकल जाने की कोशिश करती थीं। मुझे लगता था कि...

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