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भारत के सिर्फ 1 फीसद लोगों के पास है देश की 60 फीसद संपत्ति

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद से देशभर में जारी अफरातफरी के माहौल के बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। यह रिपोर्ट बताती है कि देश के अमीर और अमीर हो गए हैं और गरीब तबका और गरीब। यह रिपोर्ट क्रेडिट सुइस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने जारी की है। यह कहती है रिपोर्ट क्रेडिट सुइस रिसर्च इंस्टीट्यूट की ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2016 बताती...

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नींद क्यों रात भर नहीं आती!-- चंदन श्रीवास्तव

कुछ वाक्य बड़े चमकदार होते हैं. मुंह से निकलते ही ऐसे वाक्य सबकी जबान पर चढ़ जाते हैं. इस हफ्ते की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में रेल पुल के शिलान्यास के वक्त प्रधानमंत्री के मुंह से ऐसा ही चमकदार वाक्य निकला कि ‘गरीब चैन की नींद सो रहा है, कालेधन वाले नींद की गोलियां खरीद रहे हैं.' प्रधानमंत्री शायद यूपी के चुनावों को देखते हुए पुरबिया अंचल के लोगों...

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जीडीपी बनाम भूख सूचकांक-- धर्मेन्द्रपाल सिंह

ताजा विश्व भूख सूचकांक या ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआइ) के अनुसार भारत की स्थिति अपने पड़ोसी मुल्क नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और चीन से बदतर है। यह सूचकांक हर साल अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आइएफपीआरआइ) जारी करता है, जिससे दुनिया के विभिन्न देशों में भूख और कुपोषण की स्थिति का अंदाजा लगता है। आज केवल इक्कीस देशों में हालात हमसे बुरे हैं। विकासशील देशों की बात जाने दें, हमारे देश...

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घर बनवाने का किया था वादा, पत्ते का है आशियाना

हर गरीब-अमीर का एक सपना होता है. एक बंगला बने न्यारा. लेकिन, गनके की सानो कुंवर ने ऐसा कोई ख्वाब नहीं देखा था. 24 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पलामू आये. मुसहरों को जमीन का पट्टा दिया. इसके बाद सानो कुंवर ने बंगला तो नहीं, अपने आशियाने का सपना देखना जरूर शुरू कर दिया. पति से कहा कि अब कहीं नहीं जायेगी, गनके में ही अपना घर बना...

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अजब चिकनगुनियामय देश हमारा - मृणाल पांडे

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित पुणे, लखनऊ और चंडीगढ़ जैसे कई बड़े शहर इन दिनों चिकनगुनिया, डेंगू और तमाम तरह की बरसाती पानी के जलभराव से उपजी महामारियों के शिकार हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में तिल धरने की जगह नहीं, घर-घर लोग तड़प रहे हैं और तमाम उपलब्ध सरकारी-गैरसरकारी अस्पताल नाकाफी साबित हो रहे हैं। अधिकतर बीमार शहरी मलिन बस्तियों के वे गरीब हैं, जो हर तरह की नागर सुविधा...

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